सरकारी अधिकारियों की क्षमता बढ़ाएगी कर्मयोगी योजना, जानें मोदी सरकार के इस नए मिशन के बारे में।
सरकारी अधिकारियों के काम करने की शैली में सुधार के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 'कर्मयोगी योजना को मंजूरी दे दी। इस मिशन के तहत नियुक्ति के बाद सिविल अधिकारियों समेत अन्य सरकारी कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें खास ट्रेनिंग दी जाएगी। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मिशन 'कर्मयोगी' के जरिए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना प्रदर्शन बेहतर करने का मौका मिलगा। जावड़ेकर ने कहा कि मिशन कर्मयोगी के तहत सिविल सेवा क्षमता निर्माण योजनाओं को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक परिषद को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री इस परिषद के सदस्य होंगे।
केंद्रीय मेंत्री ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) के निर्णय का जिक्र करते हुए कहा, 'पहले भर्ती के लिए अनेक परीक्षाएं छात्रों को देनी पड़ी थी। उसके बदले एक ही परीक्षा हो, ये सरकार द्वार किए गए सुधार का मूल उद्देश्य था। उसका स्वागत पूरे देश में हुआ। ये भर्ती से पहले का सुधार था, आज हम भर्ती के बाद के सुधार का निर्णय लेने जा रहे हैं।'
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'सरकार के विभिन्न कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यक्षमता कैसे बढ़े, इसके लिए क्षमता वर्धन का लगातार कार्यक्रम चलेगा। इस योजना का नाम कर्मयोगी है। ये बेहद महत्वपूर्ण सुधार है। सरकार में मानव संसाधन का यह सबसे बड़ा सुधार है। लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरने वाले अधिकारी तैयार करना इसका मूल मकसद है।'
कर्मयोगी योजना, जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधयेक को मिली केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी
मिशन कर्मयोगी के तहत सिविल सेवा अधिकारियों को क्रिएटिव, कल्पनाशील, इनोवेटिव, प्रो-एक्टिव, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और तकनीकी तौर पर दक्ष बनाकर भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा। अधिकारियों की स्किल बढ़ाना, इस योजना का प्रमुख लक्ष्य होगा।
भर्ती होने के बाद कर्मचारियों, अधिकारियों की क्षमता में लगातार किस तरह से बढ़ोतरी की जाए, इसके लिए राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) के तहत इस मिशन को शुरू किया गया है।
डीओपीटी के सचिव सी चंद्रमौली ने कहा, 'यह योजना सरकार के 'एक सिविल सर्वेंट को कैसा होना चाहिए' विजन पर आधारित है। इस मिशन में व्यक्तिगत (सिविल सर्वेंट) और संस्थागत क्षमता निर्माण दोनों पर फोकस किया जाएगा। सेक्शन ऑफिसर से लेकर सचिव स्तर के कर्मचारी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद यह योजना लाई गई है। इससे कर्मचारियों के व्यक्तिनिष्ठ मूल्यांकन को समाप्त करने में मदद करेगा और उनका वैज्ञानिक तरीके से उद्देश्यपरक और समयोचित मूल्यांकन सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा, ''मिशन कर्मयोगी सरकारी कर्मचारियों को एक आदर्श कर्मयोगी के रूप में देश सेवा के लिए विकसित करने का प्रयास है ताकि वे सृजनात्मक और रचनात्मक बन सकें और तकनीकी रूप से सशक्त हों। उन्होंने कहा कि पहले यह पूरी प्रक्रिया नियम आधारित थी जो अब कार्य आधारित होगी। मिशन कर्मयोगी सिविल सेवकों की दक्षताओं के विकास के लिए ई-लर्निंग पर फोकस होगा।