लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (सुरेश गुट) ने सरकार के 50 साल की उम्र या 30 साल की सेवा पर कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के खिलाफ आरपार की लड़ाई का एलान किया है परिषद ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि स्वास्थ्य विभाग सरकार के इस आदेश की गलत व्याख्या कर रहा है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रशासन ने विभाग में 50 साल से ऊपर की उम्र वाले अथवा 30 साल की सेवा कर चुके कर्मचारियों की दक्षता प्रमाणित न होने पर छंटनी करने अर्थात अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए कमेटी गठित की है। मगर निदेशक को जानकारी करनी चाहिए कि मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव कार्मिक के स्तर से कई बार यह स्पष्ट किया जा चुका है कि यह शासनादेश सामान्य कर्मचारियों के खिलाफ प्रयोग के लिए नहीं है। सिर्फ विशेष परिस्थितियों के लिए है।
मिश्र ने बताया कि कार्मिक विभाग ने 198519891998 व 2000 में मूल शासनादेश जारी किया गया था, लेकिन इससे कोई कर्मचारी प्रभावित नहीं हुआ। अब कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के उद्देश्य से चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रशासन ने एक कमेटी बना दी है, लेकिन दक्षता प्रमाणित करने का आधार क्या होगा यह तय नहीं है। पहले भी कुछ विभागों ने इसी तरह का काम किया था। इसके खिलाफ कर्मचारी न्यायालय गए और उसने अनिवार्य सेवानिवृत्ति के विभागीय आदेश को निरस्त कर दिया।