बड़ी राहत : लॉकडाउन में फंसे केंद्रीय कर्मियों को नहीं माना जाएगा गैरहाजिर, स्पष्टीकरण आदेश जारी
देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान सरकारी कर्मचारियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अब सरकार ने उन केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है, जो छुट्टी पर या बाहरी ड्यूटी पर थे और लॉकडाउन के चलते समय पर बापस अपने दफ्तर रिपोर्ट नहीं कर सके। ऐसे हालात में
फंसे कर्मचारियों के लिए सरकार ने स्पष्टीकरण संबंधी आदेश जारी किया है। दरअसल, लॉकडाउन के कारण ड्यूटी पर लौटने में हुई देरी से कर्मचारियों को अनुपस्थित घोषित किया जा सकता हैं। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी ) ने इस संबंध में हाल ही में जारी एक आदेश में कहा है कि विभाग को केंद्र सरकार के कर्मचारियों से कई प्रश्न प्राप्त हो रहे है। कर्मचारी अनुमति के साथ छुट्टी पर गए, लेकिन लॉकडाउन के कारण वापस रिपोर्ट नहीं कर सके, क्योंकि महामारी के प्रसार को रोकने के लिए समय- समय पर गृह मंत्रालय के आदेशों के अनुसार सार्वजनिक परिवहन, उड़ानों और अंतर- राज्यीय आवाजाही पर पाबंदी लगी थी। चार तरह की स्थितियों का जिक्र किया गया है और इन पर स्पष्टोकरण भी जारी किया गया है। डीओपीटी ने कहा है कि सभी मंत्रालयों और विभागों को यह निर्देश दिया जाता है कि इन स्पष्टीकरण के साथ ही अनुपस्थिति की अबधि को नियमित किया जाए।
पहली स्थिति : ऐसे अधिकारी जो सरकारी दौरे पर थे और सार्वजनिक परिवहन नहीं चलने की बजह से अपने मुख्यालय में नहीं लौट सके।
स्पष्टीकरण : उन्हें माना जाएगा की दौरे को अवधि समाप्त होने की तारीख से वह ड्यूटी पर आ गए थे। यह केवल तभी मान्य होगा जब उन्होंने किसी भी रूप में ड्यूटो ज्वाइन करने में कठिनाई के बारे में सूचना दे दी थी।
दूसरी स्थिति: 25 मार्च को लॉकडाउन से पहले जो छुट्टी पर थे और उनकी छुट्टी लॉकडाउन में ही खत्म हो गई थी।
स्पष्टीकरण : ऐसा माना जाएगा कि ऐसे कर्मचारी छुट्टी के बाद ऑफिस लौटना चाहते थे, मगर लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन या उड़ानें बंद होने से वे लौट नहीं सके | हालांकि, उन्होंने किसी न किसी रूप में ड्यूटी पर नहीं लौट पाने की जानकारी दे दी थी। वहीं, मेडिकल ग्राउंड के आधार पर ली गई के लिए मेडिकल या फिटनेस सर्टिफिकेट देना होगा।
तीसरी स्थिति : जो कर्मचारी लॉकडाउन से पहले बीते 20 मार्च को मुख्यालय छोड़कर गए थे, मगर परिवहन न होने की से वे 23 मार्च को लौट नहीं सके।
स्पष्टीकरण : माना जाएगा कि ये 23 मार्च को ड्यूटी पर लौटना चाहते थे। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन न होने की वजह से वे लौट नहीं सके और इस बारे में उन्होंने जानकारी दे दी थी।
चौथी स्थिति : सरकारी कर्मचारी जो 25 मार्च से लगाएगए लॉकडाउन से पहले छुट्टी पर थे और उनकी छुट्टी लॉकडाउन के दौरान ही खत्म होनी थी। मगर, ऐसे कर्मचारी अपनी छुट्टियाँ होने से पहले ही ड्यूटी पर लौटना चाहते थे। वे ली गई छुट्टी में कटौती करना चाहते थे।
स्पष्टीकरण : छूट्टी में कटौती पर सहमति शायद न हो पाए। सिर्फ दुर्लभ मामलों में हो छुट्टी मंजूर करने बाली अथोरिटी इसकी मंजूरी देगी।