वन रैंक वन पेंशन पर केंद्र ने कुछ नहीं किया, कहना गलत होगा : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया कि वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) पर केंद्र सरकार गंभीर नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा, अब तक सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उन्हें देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि अब तक कोई काम नहीं हुआ है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने सोमवार को इंडियन एक्स सर्विस मैन मूवमेंट द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। पीठ ने पाया कि ओआरओपी के मद में केंद्र सरकार अब तक 10,794 करोड़ वितरित कर चुकी है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि केंद्र ने अब तक कुछ नहीं किया। सवाल यह है कि पांच वर्ष इसके लिए पर्याप्त हैं या नहीं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से समय मांगा ताकि विचार कर सकें कि विस्तृत हलफनामा देने की जरूरत है या नहीं।
दरअसल, याचिका में कहा गया था कि मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। सरकार ने संसद में भरोसा दिलाया था कि समान रैंक के अधिकारियों को मिलने वाली पेंशन की राशि अलग अलग होगी यह इस पर निर्भर होगा कि सेवानिवृत्ति कब हुई है। याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि सरकार ने ठोस प्रयास नहीं किए।