चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन, दिव्यांग और 80 साल से अधिक उम्र के लोग कर सकेंगे पोस्टल बैलट का इस्तेमाल।
नई दिल्ली, एएनआइ। निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election) एवं निकट भविष्य में होने वाले अन्य उपचुनाओं को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें पोस्टल बैलेट सुविधा का विकल्प दिव्यांग मतदाताओं और 80 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए बढ़ा दिया गया है। यही नहीं अनिवार्य सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों एवं कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध होगी।
जारी गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि चुनाव संबंधी सभी कामकाज के दौरान कोरोना से बचाव के उपायों को अपनाना होगा। चुनावी गतिविधि के दौरान हर व्यक्ति के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। मतदान केंद्रों में आने वाले लोगों की थर्मल स्कैनिंग होगी। चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने वाले लोगों के लिए सैनिटाइजर और साबुन उपलब्ध कराए जाएंगे और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा।
नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब उम्मीदवारों को ऑनलाइन माध्यम से नॉमिनेशन करना होगा। उम्मीदवारों को सिक्योरिटी मनी और चुनावी घोषणा पत्र भी ऑनलाइन जमा करना होगा। मतदाताओं को कतार में इंतजार ना करना पड़े इसलिए उन्हें पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर टोकन दिया जाएगा। सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करने के लिए जमीन पर निशान बनाए जाएंगे। दो मतदाताओं के बीच छह फीट की दूरी रखी जाएगी। महिला और पुरुष मतादाताओं के लिए अलग वेटिंग एरिया भी बनाए जाएंगे।
मतदाताओं को ईवीएम पर मतदान करने के लिए डिस्पोजेबल ग्लोब्स मुहैया कराए जाएंगे। मतदान कराने वाले अधिकारियों को पीपीई किट भी उपलब्ध कराए जाएंगे। क्वारंटाइन किए गए कोरोना मरीजों को सबसे आखिरी घंटे में मतदान करने की इजाजत होगी। कंटेनमेंट जोनों में रहने वालों के लिए अलग गाइडलाइन के आधार पर चुनावी प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। बूथों की संख्या बढ़ाई जाएगी। एक बूथ पर अधिकतम 1000 मतदाता होंगे। पहले यह सीमा 1500 मतदाताओं की थी।
कोरोना काल में होने वाले इन चुनावों के प्रचार के लिए भी कई नियम बनाए गए हैं। इसमें उम्मीदवार के साथ अधिकतम पांच व्यक्तियों (सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर) के साथ घर-घर प्रचार कर सकते हैं। रोड शो के दौरान वाहनों का काफिला 5-5 वाहनों में बंटा होगा। रैलियों की मंजूरी के लिए अलग से प्रावधान तय किए गए हैं। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को कई निर्देश दिए गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ही जनसभाओं के लिए जगह निश्चित करेंगे। इन जगहों पर एंट्री और एग्जिट पॉइंट अलग अलग बनें होंगे।