लड़कियों की शादी की सही उम्र तय करने के लिए केंद्र ने बनाई कमिटी, अभी न्यूनतम उम्र है 18 वर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (15 अगस्त) को कहा कि लड़कियों की शादी की उपयुक्त उम्र क्या होनी चाहिए, इस बारे में सरकार विचार कर रही है और इस सिलसिले में एक समिति भी गठित की गई है। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए उन्होंने महिलाओं से संबंधित कई मुद्दों की चर्चा की जिसमें सशस्त्र बलों में उनकी भूमिका, उनका आर्थिक सशक्तिकरण और राष्ट्रीय कैडेट कोर्प्स (एनसीसी) में उनकी नियुक्ति के प्रयास भी शामिल रहें।
उन्होंने कहा, ''बेटियों में कुपोषण खत्म हो, उनकी शादी की सही आयु क्या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाई है। उसकी रिपोर्ट आते ही बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी उचित फैसले लिए जाएंगे।" देश में अभी लड़कियों की शादी की कम से कम उम्र 18 वर्ष निर्धारित है, जबकि लड़कों की उम्र सीमा 21 वर्ष है।
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सशस्त्र बलों में महिला शक्ति की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में महिलाएं जमीन के भीतर कोयले की खदान में काम कर रही हैं तो देश की बेटियां लड़ाकू विमान भी उड़ा कर आसमान की बुलंदियों को चूम रही हैं। उन्होंने कहा, ''भारत में महिला शक्ति को जब-जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया है, देश को मजबूती दी है। महिलाओं को रोजगार और स्व-रोजगार के समान अवसर देने के लिए आज देश प्रतिबद्ध है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जहां नौसेना और वायुसेना में महिलाओं को लड़ाकू भूमिका में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ''गर्भवती महिलाओं को वेतन के साथ छह महीने की छुट्टी देने के फैसले की बात हो या तीन तलाक के कारण पीड़ित महिलाओं को आजादी दिलाने का काम हो या फिर उनके आर्थिक सशक्तिकरण की बात हो.....। 40 करोड़ जो जन-धन खाते खोले गए हैं, उसमें 22 करोड़ खाते हमारी बहनों के हैं।"
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में करीब 30 हजार करोड़ रुपए इन बहनों के खाते में जमा कर दिए गए हैं। 25 करोड़ रुपए के करीब मुद्रा लोन दिए गए हैं, उसमें 70 प्रतिशत मुद्रा लोन लेने वाली माताएं-बहनें हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो खुद का घर मिल रहा है, उसमें अधिकतम रजिस्ट्री भी महिलाओं के नाम हो रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार गरीब बहन-बेटियों के बेहतर स्वास्थ्य की भी चिंता कर रही है। उन्होंने कहा, ''हमने जन-औषधि केंद्र के अंदर एक रूपये में सेनिटरी पैड पहुंचाने के लिए बहुत बड़ा काम किया है। छह हजार जन-औषधि केंद्रों से, पिछले थोड़े से समय में करीब 5 करोड़ से ज्यादा सेनिटरी पैड हमारी इन गरीब महिलाओं तक पहुंच चुके हैं।"
मोदी ने कहा कि देश के जो सीमावर्ती व तटीय इलाके हैं वहां के करीब 173 जिले हैं जो किसी न किसी देश की सीमा या समुद्री तट से जुड़े हैं और आने वाले दिनों में एनसीसी का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा, ''हम करीब-करीब एक लाख नए एनसीसी कैडेट्स तैयार करेंगे और उसमें एक तिहाई हमारी बेटियां हों, यह भी प्रयास रहेगा।"