पीपीएफ खाते की अवधि बढ़ाने का आवेदन 31 जुलाई तक
परिपक्वता अवधि के एक साल के भीतर आवेदन जरूरी...लॉकडाउन की वजह से बढ़ाई तिथि
नई दिल्ली। लॉकडाउन की वजह से पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) अंशधारकों के लिए सरकार ने राहत भरा फैसला किया है। जिनके खाते परिपक्व हो चुके हैं और वे इसकी अवधि बढ़ाना चाहते हैं, तो 31 जुलाई 2020 तक आवेदन कर सकते हैं। ऐसा नहीं करने पर अतिरिक्त निवेश पर ब्याज नहीं मिलेगा।
अंशधारक ने अगर खाते की अवधि बढ़ाने का आवेदन नहीं किया तो परिपक्वता अवधि के बाद खाते में किए गए निवेश पर व्याज नहीं दिया जाएगा। अंशधारक चाहे तो खाते की अवधि नए निवेश के साथ आवेदन से चला तो नए निवेश पर ब्याज नहीं बढ़ा सकता है अथवा बिना निवेश के भी अगले 15 साल तक ब्याज ले सकता निवेश पर ब्याज के लिए फॉर्म एच जमा करना जरूरी होगा लेकिन अगर यह फॉर्म नहीं जमा किया जाता है, तो भी खाते में पड़े पुराने निवेश पर व्याज पहले की तरह मिलता रहेगा। जब तक खाता बंद नहीं करा दिया जाता है।
टैक्स छूट के लिए भी आवेदन जरूरी
पीपीएफ खाताधारक को परिपक्वता अवधि के बाद किए गए निवेश पर अगर आयकर की धारा 80सी के तहत कर छूट का लाभ लेना है, तो भी आवेदन फॉर्म एच जमा करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने पर आयकर विभाग के निवेश पर संबंधित आकलन वर्ष के रिटर्न में छूट नहीं देगा। पीपीएफ पर मौजूदा ब्याज दर 7.10 फीसदी है। आयकर विभाग ने पिछले वित्त वर्ष में कर छूट के लिए निवेश की अवधि भी 31 जुलाई तक बढ़ा दी है। यानी इस महीने के आखिर तक किए गए निवेश पर भी 2019-20 हैं।