कोरोना ने रोकी राह : टलेंगे पंचायत चुनाव, तैनात होंगे प्रशासक, अंतिम निर्णय सीएम लेंगे
● ग्राम पंचायत में एडीओ, क्षेत्र पंचायत में एसडीएम, जिला पंचायत में डीएम होंगे प्रशासक
● कोरोना महामारी के चलते नहीं शुरू हो पा रही हैं त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां
कोरोना महामारी के चलते तैयारियां नहीं होने पाने के कारण त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय से नहीं हो पाएंगे। पंचायती संस्थाओं का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उनमें प्रशासक तैनात कर दिए जाएंगे। ग्राम पंचायत में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), क्षेत्र पंचायत में उप जिलाधिकारी और जिला पंचायत में जिलाधिकारी को प्रशासक बनाने की तैयारी है। पंचायत चुनाव वर्ष 2021 में होने की संभावना जताई जा रही है।
प्रदेश में 58758 ग्राम पंचायत, 821 क्षेत्र पंचायत और 75 जिला पंचायत हैं। इनके चुनाव इसी साल के आखिर तक होने थे। चुनाव की तैयारियां में कम से कम 6 महीने लगते हैं। वर्ष 2015 में इन चुनाव के लिए फरवरी-मार्च से ही तैयारी प्रारंभ हो गई थी। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र (वार्ड) निर्धारण की समय सारिणी 16 मार्च को जारी कर दी गई थी।
इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। 4 अप्रैल को इसका संशोधित कार्यक्रम जारी हुआ। राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायतों की वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का कार्यक्रम 18 मई से प्रारंभ कर दिया था। 11 अगस्त से पंचायती संस्थाओं के आरक्षण की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई थी। लेकिन कोविड-19 के चलते इस बार मार्च से चुनाव की तैयारी शुरू नहीं हो पाईं। जैसे हालात दिख रहे हैं उनके हिसाब से ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव इस बार एक साथ हो सकते हैं।
वोटर लिस्ट पुनरीक्षण व परिसीमन की प्रक्रिया अटकी
25 मार्च से लॉकडाउन के बाद लगभग दो महीने तक प्रदेश में प्राय: सभी कामकाज लगभग ठप रहे। इसके बाद से सभी जिले कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने में जुटे हैं। इसमें पंचायतीराज विभाग भी शामिल है। लिहाजा, न तो वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण हो पाया है और न ही पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो पाई है।
मुख्यमंत्री लेंगे अंतिम निर्णय :
अभी चुनाव स्थगित करने का फैसला नहीं हुआ है। कोरोना के कारण तैयारियां पिछड़ी जरूर हैं, लेकिन अभी हमारे पास समय है। यदि संक्रमण के हालात शीघ्र नियंत्रण में आ गए तो चुनाव की तैयारी प्रारंभ कर दी जाएगी। हालात जल्द नहीं सुधरे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पूरा मामला रखा जाएगा। चुनाव टालने व पंचायती संस्थाओं में प्रशासक की नियुक्ति के संबंध में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री ही लेंगे। -भूपेन्द्र सिंह चौधरी, पंचायतीराज मंत्री, उत्तर प्रदेश
2015 में 9 अक्तूबर से 9 दिसंबर तक हुए थे चुनाव :
2015 में क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य के चुनाव 4 चरणों में 9 से 29 अक्तूबर के बीच हुए थे। इसके लिए 21 सितंबर को अधिसूचना जारी की गई थी। ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य के चुनाव भी 4 चरणों में 28 नवंबर से 9 दिसंबर के बीच हुए थे। इसकी अधिसूचना 7 नवंबर को जारी हुई थी। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि यदि अभी तैयारी शुरू हो जाए तो भी नियत समय में चुनाव प्रक्रिया पूरी करना संभव नहीं है। हालांकि, अभी तैयारी प्रारंभ करने के हालात ही नहीं है। ऐसे में पंचायत चुनाव अब 2021 में ही संभव है।