आला अफसरों को अपनी पदोन्नति की चिंता, फील्ड कर्मियों को भूले
राजस्व निरीक्षक के 50% नायब तहसीलदार के 600 से अधिक पद खाली
राजस्व कर्मियों पर काम का अंबार, अफसर पदोन्नति की फाइलों पर कुंडली मारे बैठे
लखनऊ। प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अफसरों को प्रमुख सचिव से अपर मुख्य सचिव पद पर समय से पहले पदोन्नति देने के लिए अतिरिक्त पद पिछले महीने ही सृजित कर पदोन्नति दी गई है। वहीं, वरिष्ठ पीसीएस अफसरों को आगामी चयन वर्ष (जून-2021) तक रिक्त होने वाले पदों पर पदोन्नति दी गई है। लेकिन सरकारी कामकाज को जमीन पर उतारने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले राजस्व निरीक्षकों व लेखपालों के पदोन्नति से जुड़ी फाइलें अधिकारी इधर से उधर घुमा रहे हैं।
दो वर्ष से पात्र कर्मियों की पदोन्नति नहीं हो रही है और कई बिना पदोन्नति पाए ही रिटायर हो रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब काफी पद रिक्त हैं। प्रदेश में राजस्व निरीक्षक से नायब तहसीलदार और लेखपाल से राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नति होती है। राजस्व निरीक्षक संघ के पदाधिकारी बताते हैं कि आखिरी बार 2017 में प्रमोशन हुआ था। इसके बाद से पदोन्नति पर विचार नहीं हुआ। नायब तहसीलदार के 617 पद खाली हैं, लेकिन पात्र राजस्व निरीक्षक के पदोन्नति के ही रिटायर हो रहे हैं। इससे संवर्ग के कर्मी निराश हैं। इसी तरह लेखपालों को राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नति मिलती है।
प्रदेश में राजस्व निरीक्षक के करीब 2,400 पद रिक्त हैं। यदि राजस्व निरीक्षकों की नायब तहसीलदार के रिक्त पदों पर पदोन्नति कर दी जाए तो राजस्व निरीक्षक के रिक्त पदों की संख्या 3000 पार कर जाएगी। लेखपालों की भी 2017 के बाद से पदोन्नति नहीं हुई है और तमाम लेखपाल भी बिना प्रमोशन रिटायर होने को मजबूर हैं। यदि लेखपालों की पदोन्नति हो जाए तो राजस्व प्रशासन के पास नायब तहसीलदार व राजस्व निरीक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता होगी। लेखपालों के रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही सरकार ने शुरू ही कर दी है। ऐसे में फील्ड में काम का दबाव काफी हद तक सामान्य हो सकता है। मगर, राजस्व निरीक्षकों व लेखपालों की पदोन्नति से जुड़ी कार्यवाही पर कुंडली से मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।
तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति के 77 पद खाली, पर इन्हें भी इंतजार
प्रदेश में तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति के लिए भी पद 77 पद रिक्त हैं। राजस्व परिषद पदोन्नति का प्रस्ताव राज्य लोक सेवा आयोग को भेजता है और आयोग पदोन्नति पर निर्णय करता है। इन पदों पर पदोन्नति जून से पहले हो जानी चाहिए। मगर, अभी तक प्रस्ताव आयोग को भेजा ही नहीं गया है। राजस्व (प्रशासनिक) अधिकारी संघ के अध्यक्ष निखिल शुक्ला व महासचिव अनुराग सिंह ने कहा कि नियुक्ति विभाग का शासनादेश है कि प्रत्येक चयन वर्ष की पदोन्नति उसी चयन वर्ष में 30 जून से पहले हो जानी चाहिए। लेकिन अभी प्रस्ताव तक आयोग को नहीं भेजा जा सका है।
पदोन्नति न होने से अपने ही आदेश का पालन नहीं करा पा रही राजस्व परिषद
राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव के स्तर से प्रदेश के समस्त डीएम को यह आदेश है कि लेखपालों से प्रभारी राजस्व निरीक्षक का काम न लिया जाए। लेकिन, जिलों के अधिकारी बताते हैं कि जब राजस्व निरीक्षक हैं ही नहीं तो वे कैसे काम लें। काम कैसे होना है, यह कोई पूछने वाला नहीं है। ऐसे में वे राजस्व निरीक्षकों के अभाव में काम रोक तो नहीं सकते। पहले राजस्व निरीक्षकों को ही अतिरिक्त काम दिया जाता है। जब उनसे मैनेज नहीं हो पाता है तो लेखपालों को प्रभारी राजस्व का काम देना पड़ रहा है।
जल्द पदोन्नति का आग्रह
राजस्व निरीक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव से जल्द पदोन्नति का आग्रह किया गया है। अन्य संवर्गीय समस्याओं के समाधान की भी उनसे मांग की गई है।