नए वाहनों का पंजीकरण बगैर फास्टैग अब नहीं
देशभर में टोल प्लाजा पर 100 फीसदी ऑनलाइन टोल टैक्स अदायगी कायम करने के लिए सरकार ने निजी और व्यावसायिक वाहनों पर नकेल कसी है। इसके तहत अगर फास्टैग युक्त नए वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा और पुराने वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा। फास्टैग व्यवस्था को केंद्र सरकार के वाहन सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया गया है। जिससे बच निकलने की संभावना समाप्त हो गई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक दिसंबर 2017 से नई व्यवस्था लागू करते कहा था कि नए वाहनों की बिक्री फास्टैग के बगैर नहीं होगी। वाहन के विंडस्क्रीन पर निर्माता कंपनी अथवा डीलर को फास्टैग लगाना होगा, तभी वाहन शोरूम से बाहर जाएगा।
लेकिन सरकार के इस नए नियम का सख्ती से पालन नहीं होते देख मंत्रालय ने 10 जुलाई को नई अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि फास्टैग बिना नए वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा और पुराने वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा। इस नियम को लागू करने के साथ ही मंत्रालय के वाहन नामक सॉफ्टवेयर को फास्टैग व्यवस्था से जोड़ दिया गया है।
औसत रफ्तार 30% बढ़ जाती है।
ऑनलाइन टोल टैक्सक व्यवस्था से राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की औसत रफ्तार 30 फीसदी तक बढ़ जाती है। इससे प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतारें नहीं लगती हैं। जाम नहीं लगने से लोगों का समय बर्बाद नहीं होता है, वहीं कम ईधनफुंकने से प्रदूषण का स्तर कम होता है । मंत्रालय अब तक एक करोड़ 70 लाख फास्टैग की बिक्री कर चुका है।
वाहन में फास्टैग की जानकारी ऑनलाइन मिलेगी
आरटीओ के अधिकारी वाहन सॉफ्टवेयर की मदद से ऑनलाइन पता कर सकेंगे कि किस वाहन में फास्टैग लगा है और किसमें नहीं लगा है। इसी के अधार पर आरटीओ वाहन का पंजीकरण व फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर सकेंगे। सड़क परिवहन मंत्रायल ने 540 टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम (ईटीसी) लागू कर दिया है। इसमें आरएफआईडी की मदद से प्लाजा पर लगे सेंसर वाहनों के फास्टैग को रीड कर लेते हैं और टोल टैक्स स्वतः अदा हो जाता है।