पीपीएफ सहित छोटी बचत स्कीमों की ब्याज दरों में नहीं हुआ बदलाव, ये हैं रेट
पीपीएफ व लघु बचत की ब्याज दरों में बदलाव नहीं
पीपीएफ पर 7.10 फीसदी मिल रहा ब्याज मौजूदा समय में हर तीन माह पर ब्याज दरों की घोषणा करता है वित्त मंत्रालय
फिक्स्ड इनकम के निवेशकों के लिए राहत की खबर है. सरकार ने पीपीएफ सहित सभी छोटी बचत स्कीमों की ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है. वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए इनकी ब्याज दरें यथावत रहेंगी. यह अलग बात है कि अर्थव्यवस्था में ब्याज दरों में नरमी का माहौल है. एक जुलाई को डाक विभाग ने एक सर्कुलर के जरिये इसका एलान किया.
दूसरी तिमाही के लिए पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), एनएससी (नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट), एसएसवाई (सुकन्या समृद्धि योजना) सहित सभी छोटी बचत स्कीमों में पहली तिमाही जितना ही ब्याज मिलेगा.
पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट स्कीमों पर ब्याज दर
इंस्ट्रूमेंट | ब्याज दर | कंपाउंडिंग फ्रीक्वेंसी |
सेविंग्स डिपॉजिट | 4 | सालाना |
1 साल का टाइम डिपॉजिट | 5.5 | तिमाही |
2 साल का टाइम डिपॉजिट | 5.5 | तिमाही |
3 साल का टाइम डिपॉजिट | 5.5 | तिमाही |
5 साल का टाइम डिपॉजिट | 6.7 | तिमाही |
5 साल का रेकरिंग डिपॉजिट | 5.8 | तिमाही |
5 साल सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम | 7.4 | तिमाही |
5 साल मंथली इनकम अकाउंट | 6.6 | मासिक |
5 साल नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट | 6.8 | सालाना |
पब्लिक प्रोविडेंट फंड | 7.1 | सालाना |
किसान विकास पत्र | 6.9 | सालाना |
सुकन्या समृद्धि योजना | 7.6 | सालाना |
जुलाई-सितंबर के दौरान पीपीएफ पर 7.10 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा. सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस) पर 7.40 फीसदी इंटरेस्ट मिलेगा. पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम पर 5.5-6.7 फीसदी की रेंज में ब्याज मिलता रहेगा. याद रखें कि 5 साल के पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. ये ब्याज दरें एक जुलाई 2020 से 30 सितंबर 2020 तक की अवधि के लिए लागू हैं.
छोटी बचत स्कीमों में निवेश करने वालों के लिए यह राहत की खबर है. कारण है कि बैंक लगातार फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों को घटा रहे हैं. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी नीतिगत दरों को घटाया है. इसी की तर्ज पर बैंकों ने भी दरों को कम किया है.
निवेशकों के लिए अच्छी खबर
अप्रैल-जून तिमाही के लिए सरकार ने छोटी बचत स्कीमों की ब्याज दरों में 0.70 फीसदी से 1.40 फीसदी तक की कटौती की थी. दूसरी तिमाही में भी सरकार ने अगर उसी तर्ज पर कटौती की होती तो पीपीएफ की ब्याज दर 7 फीसदी के स्तर से नीचे पहुंच जाती. यह पिछले 46 साल में इसका सबसे निचला स्तर होता.
छोटी बचत स्कीमों की ब्याज दर कैसे तय होती है?
सरकार हर तिमाही छोटी बचत स्कीमों की ब्याज दरें तय करती है. इन स्कीमों की ब्याज दरों को निकालने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ समिति ने दिया है. समिति का सुझाव है कि अलग-अलग स्कीमों की ब्याज दरें उतनी ही मैच्योरिटी के सरकारी बॉन्ड की यील्ड से 0.25-1 फीसदी ज्यादा होनी चाहिए.