आयकर रिटर्न में गड़बड़ पर विभाग सख्त, रिटर्न में कम आमदनी दिखाने पर 50 फीसदी जुर्माना
इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करते वक्त आपको अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. अगर आपने आईटीआर में अपनी आमदनी कम दिखाई या टैक्स छूट/कटौती बढ़ा-चढ़ा कर दिखाई तो आपको भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है.
टैक्स मामलों के जानकार कहते हैं कि जुर्माने की रकम झूठी जानकारी देकर बचाए गए टैक्स का 200% तक हो सकती है.
आयकर विभाग द्वारा जारी एक एडवाइजरी में कहा गया है कि वेतन से आमदनी वाले इम्पलॉई टैक्स बचाने के लिए गलत उपाय का सहारा ना लें. अगर किसी करदाता को ऐसा करते पाया गया तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जायेगा.
वास्तव में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त कई लोग कर बचाने के लिए गलत जानकारी देते हैं. आयकर विभाग ने पाया है कि मशहूर कंपनियों के इम्पलॉई भी टीडीएस वापस लेने के लिए आमदनी, कटौती और छूट के लिए गलत जानकारी देते हैं. 'आयकर विभाग आमदनी कम दिखाने वाले इम्पलॉई पर सख्ती बरतने की तैयारी में है. आईटीआर में अब गलत जानकारी देना महंगा पड़ सकता है. इस तरह के दोषी इम्पलॉई पर इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 270A के तहत जुर्माना भी लगाया जा सकता और जेल भी हो सकती है.'
वास्तव में इस तरह की कोशिश से सबक लेते हुए ही इस बार आयकर विभाग ने आईटीआर-1 के फॉर्मेट में बदलाव किया है. अब आईटीआर फाइल करने वाले वेतनभोगी इम्पलॉई को रिटर्न में आमदनी का ब्रेक-अप उपलब्ध कराना होगा. इस विवरण में इम्पलॉई को भत्ते की कीमत, बिना टैक्स छूट वाले भत्ते, वेतन के बदले मिलने वाले अन्य लाभ और सेक्शन 16 के तहत दावा किये गए छूट के बारे में जानकारी शामिल है.
इससे पहले आईटीआर-1 यानी सहज में इस तरह की जानकारी नहीं मांगी जाती थी. उसमें सिर्फ सैलरी का जिक्र करना होता था.
नए सहज फॉर्म में अब प्रॉपर्टी से आमदनी का भी जिक्र करना है. प्रॉपर्टी से आमदनी के बारे में कैलकुलेशन के लिए यह आर्टिकल पढ़ें: आईटीआर-1 में हाउस प्रॉपर्टी से आमदनी का कैलकुलेशन कैसे करें?
इनकम टैक्स विभाग की कोशिश यह है कि करदाता किसी भी तरीके से अपनी आमदनी कम दिखाकर टैक्स बचाने की कोशिश ना करें. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा नवंबर 2016 में की गयी नोटबंदी के बाद साल 2017 के बजट में इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 270A में संशोधन किया गया था. इसके जरिये कोशिश की गयी की गलत जानकारी देकर टैक्स चोरी करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 270A के तहत गलत जानकारी देने वाले करदाताओं पर आयकर विभाग टैक्स चोरी का 200% तक जुर्माना लगा सकता है.
आइये देखते हैं इसमें क्या-क्या शामिल है?
a. वास्तविकता को छिपाना या उसकी गलत व्याख्या करना
b.अकाउंट बुक में निवेश का जिक्र नहीं करना
c.बिना उपयुक्त सबूत के खर्च का दावा करना
d. अकाउंट बुक में कोई गलत जानकारी दर्ज करना
e.कुल आमदनी के बारे में किसी एक मद का अकाउंट बुक में उल्लेख नहीं करना
f.इनकम टैक्स कानून के चैप्टर X के तहत आने वाले किसी विदेशी या घरेलू ट्रांजेक्शन के बारे में उल्लेख नहीं करना या उसे जानबूझकर छिपाना
इनकम टैक्स कानून के तहत कम आमदनी दिखाने के मामले में आपको कितना टैक्स चुकाना पड़ सकता है:
(i) इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 143 के सब सेक्शन (1) के क्लाउज (a) के हिसाब से कुल आमदनी पर बनने वाला टैक्स.
(ii) (X-Y) के हिसाब से बनने वाला टैक्स
X= आयकर विभाग द्वारा किसी करदाता की निर्धारित कुल आमदनी
Y= इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 143 के सेक्शन (1) के क्लाउज (a) के तहत कुल आमदनी पर निकाला गया टैक्स
(iii) अगर आमदनी के बारे में कोई रिटर्न ही फाइल नहीं किया गया तो आमदनी पर अलग तरीके से टैक्स की गणना की जाएगी.
अगर इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों को लगता है कि आमदनी कम दिखाकर जानबूझकर टैक्स बचाने का प्रयास किया गया है तो वह कुल आमदनी पर बनने वाली टैक्स देनदारी का तीन गुना तक जुर्माना लगा सकते हैं.