कोविड-19 पर गाइड लाइन का पालन न होने पर हाईकोर्ट तल्ख
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड-19 संक्रमण को लेकर जारी गाइड लाइन का पालन न करने पर नाराजगी जताई है और प्रयागराज के नगर आयुक्त को 13 जुलाई को अपने वकील के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि सार्वजनिक स्थानों, भवनों के आसपास अनधिकृत दुकानें, स्टाल, ठेले आदि क्यों लग रहे हैं, उन्हें हटाया क्यों नहीं जा रहा है। साथ ही दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल क्यों नहीं रखा जा रहा है। कोर्ट ने नगर निगम से यूज मास्क के डिस्पोजल की स्कीम भी मांगी है।
कोर्ट ने कहा कि बाहर से शहर में आने वाले हर व्यक्ति की रैपिड टेस्टिंग किट से जांच की जाए और सरकार टेस्टिंग किट उपलब्ध कराए। कोर्ट ने कहा कि मास्क न पहनने वालों के चालान में वसूला गया पैसा किट खरीदने में लगाया जाए। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से कहा कि प्रयागराज, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, बरेली, कानपुर, लखनऊ व वाराणसी में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जाए और अगली सुनवाई पर बताएं कि ट्रेसिंग, टेस्टिंग व ट्रीटमेंट कैसे किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने प्रयागराज में क्वारंटीन सेंटरों की दुर्दशा एवं अस्पतालों में इलाज की बेहतर सुविधाओं को लेकर कायम अधिवक्ता गौरव कुमार गौर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा केंद्र सरकार से उपलब्ध आरटीपीसीआर मशीन स्थापित करने के लिए कमरा उपलब्ध न कराए जाने पर भी नाराजगी व्यक्त की है। आदेश दिया है कि एक अस्पताल चिह्नित किया जाए, जिसमें यह मशीन लगाई जा सके और अधिक संख्या में जांच की जा सके। कोर्ट ने कहा कि हेल्पलाइन नंबर कई जगह प्रदर्शित है लेकिन यह लोगों की जानकारी में नहीं आ रहा है इसलिए इसे अखबारों में प्रकाशित कराया जाए।
सुनवाई के दौरान अपर सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि मशीन आ गई है। उसे लगाने की जगह तय नहीं हो सकी है। सुनवाई के दौरान कोविड-19 के नोडल अधिकारी ऋषि सहाय व अर्बन कंटेनमेंट नोडल अधिकारी डॉ. शितांशु शुक्ल भी मौजूद थे। उन्होंने उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी।