लखनऊ। जो प्रवासी श्रमिक परदेस लौट गए हैं, उन्हें 1000 रुपये की सहायता नहीं मिल सकेगी। सरकार ने दूसरे चरण में आर्थिक सहायता देने के लिए चिह्नित श्रमिकों में से ऐसे श्रमिकों के नाम हटाने का आदेश दिया है। प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी छोड़कर बाहर से लौटे प्रवासी श्रमिकों को 1000 1000 रुपये की सहायता का एलान किया था।
पहले चरण में 10.48 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को 10001000 वापस जाने वालों के रुपये का भुगतान किया जा चुका है। दूसरे चरण में श्रमिकों नाम सूची से को चिह्नित करने निकालने के फरमान का काम पूरा हो गया है। करीब आठ लाख से अधिक श्रमिक चिह्नित बताए जा रहे हैं। इस बीच सरकार को फीडबैक मिल रहा है कि माहौल समान्य होने के बद बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने पुराने कार्यस्थल पर लौट गए हैं। इसके बाद जिलाधिकारियों को नए सिरे से निर्देश जारी किए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने जिलाधिकारियों से कहा है कि वे द्वितीय चरण में चयनित श्रमिकों व कामगारों के संबंध में सुनिश्चित कर लें कि सम्मिलित पात्र श्रमिक व कामगार वर्तमान में जिले में रह रहे हैं तथा लंबी अवधि तक यहां उनके रुकने की संभावना है। जो प्रवासी श्रमिक लॉकडाउन समाप्ति के बाद प्रदेश के बाहर चले गए हैं, उनके नाम सूची में शामिल न किए जाएं। यह कार्यवाही 15 जुलाई तक पूरी करने को कहा गया है।