Transport Documents Expired After 1st Feb Would Be Considered Valid Till Sep 30
एक फरवरी के बाद एक्सपायर हुए दस्तावेज ही 30 सितंबर तक होंगे मान्य, परिवहन विभाग ने किया स्पष्ट
केंद्र सरकार ने 30 सितंबर तक जिन ट्रांसपोर्ट दस्तावेजों को मान्य घोषित किया है, उनमें वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट भी शामिल है। लेकिन यह सहूलियत उन वाहन मालिकों को ही मिलेगी जिनके वाहन का प्रदूषण सर्टिफिकेट एक फरवरी के बाद एक्सपायर हुआ होगा।
ऐसे वाहन मालिक 30 सितंबर से पहले वाहन के प्रदूषण की जांच कराकर सर्टिफिकेट ले सकते हैं। इस दौरान पुलिस और परिवहन विभाग वाहनों का चालान नहीं कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने इस संबंध में सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
अपर परिवहन आयुक्त अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस, वाहनों का फिटनेस व परमिट, प्रदूषण सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस को ट्रांसपोर्ट दस्तावेज माना गया है। अगर ये दस्तावेज एक फरवरी के बाद एक्सपायर हुए हैं तो इन्हें 30 सितंबर तक वैध माना जाएगा।
वाहन मालिक 30 सितंबर तक डीएल, फिटनेस, परमिट नवीनीकरण जैसे जरूरी दस्तावेजों की जांच कराकर सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं। वहीं, अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) वीके सिंह ने बताया कि प्रवर्तन इकाई के सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं।