गांव में अपनी सरकार बनाने के लिए शुरू हो गई जोड़-तोड़, सीटों के आरक्षण पर तेज हुई चर्चा
27 May 2020
राज्य निर्वाचन आयोग ने भी पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार आयोग कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों के साथ चुनाव की तैयारियों पर विचार विमर्श किया।
इससे पूर्व 21 मई को आयोग प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों के लिए मतपत्रों की छपाई के लिए सफेद, हरे, गुलाबी व नीले रंग के 2350 मीट्रिक टन कागज की आपूर्ति और अनुमानित 47.5 करोड़ मतपत्रों की 4, 6, 9, 12, 18,27,36,45 और 54 चुनाव चिन्हों के साथ छपाई की आनलाइन निविदा आमंत्रित कर चुका है। यह सफेद, हरे, गुलाबी व नीले रंग के कागज पर छापी जाएगी। निविदा जमा करने की आखिरी तारीख 17 जून रखी गई है।
बीती 25 मई को समाचार पत्र 'हिन्दुस्तान' में प्रकाशित खबर में पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह कोरोना संकट की वजह से पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने की सम्भावना नकार चुके हैं। मंत्री के इस बयान के बाद गांवों में इन चुनावों को लेकर सक्रियता बढ़ चली है।
पंचायतीराज मंत्री के बयान के बाद दूर होते ही गांव में अपनी सरकार बनाने को जोड़तोड़ शुरू हो गई है। इसी के साथ ग्राम पंचायत से लेकर क्षेत्र व जिला पंचायतों में निकट भविष्य में नए सिरे से होने वाले सीटों के आरक्षण पर चर्चाएं भी तेज हो चली हैं। ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्यों, अध्यक्षों तक को चिन्ता सताने लगी है।
उधर, इस बार चुनाव लड़ने के लिए कमर कसे नए उम्मीदवारों में भी उत्सुकता बढ़ रही है कि उनकी ग्राम पंचायत, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य की सीट अब किस वर्ग के लिए आरक्षित होगी। 2015 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में हुए चक्रानुक्रम आरक्षण में कुल 59074 पंचायतों में से ग्राम प्रधान के कुल 20661 पद अनारक्षित थे।