चलेगा अभियान : तीन माह के लिए होगी वालंटियर की तैनाती
एनएसएस और एनसीसी के स्वयंसेवक के साथ ही कोई भी बन सकता है वालंटियर
गांवों में तैनात किए जाएंगे कोविड वालंटियर, तीन माह के लिए होगी तैनाती
कोविड-19 के लक्षण नजर आते ही स्वास्थ्य विभाग को देंगे जानकारी
लखनऊ : कोविड-19 से बचाव व राहत कार्यों के लिए कोविड वालंटियर अब गांवों में तैनात किए जाएंगे। स्मार्ट फोन रखने वाले और ग्रेजुएट को वरीयता दी जाएगी। इनकी निगरानी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय कमिटी करेगी। कोरोना के
संक्रमण की रोकथाम व नियंत्रण में अहम भूमिका निभाने वाले स्वयं सेवकों को प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। कोरोना वायरस का संक्रमण शहरों के अलावा अब गांवों की ओर पांव पसार रहा है। इसलिए ग्रामीण इलाकों में इसकी रोकथाम व नियंत्रण के लिए सरकार ने सरकारी मशीनरी के साथ स्वयंसेवकों की मदद लेने का भी फैसला किया है। प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों व सीएमओ को कोविड वालंटियर को पंजीकृत कर उनकी सेवाएं लेने के निर्देश दिए हैं।
संकटकालीन परिस्थिति में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस), राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), युवक/महिला मंगल दल और रेडक्रॉस के स्वयं सेवकों की मदद ली जाएगी। कोविड वालंटियर के पंजीकरण और उनके कार्यों की निगरानी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। इसमें जिलाध्यक्ष के अलावा मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी - रहेंगे। इसके अलावा जिलाधिकारी स्वयंसेवी संस्थाओं के जिला स्तरीय संयोजकों को अपने विवेक के अनुसार समिति के सदस्य के रूप में नामित कर सकेंगे।
तीन माह के लिए होगी वालंटियर की तैनाती
स्मार्ट फोन रखने वाले और बातचीत में स्मार्ट ग्रैजुएट को गांवों में सेवा देने के लिए "http://dgmhup.gov.in/en/volunteerregistration"
पर पंजीकरण करवा सकेंगे पंजीकरण करने वाले वालंटियर की उम्र 21 से 30 साल के बीच होनी चाहिए। पंजीकरण के बाद स्वास्थ्य विभाग वालंटियर को कोविड-19 की रोकथाम व बचाव के लिए प्रशिक्षण देगा। प्रशिक्षित होने के बाद वालंटियर को तीन माह के लिए तैनात किया जाएगा। तैनाती के दौरान उन्हें दो मास्क, एक सैनिटाइजर की बोतल और कोविड वालंटियर लिखी एक टी-शर्ट मिलेगी।
उन्हें पारिश्रमिक नहीं बल्कि प्रमाण पत्र दिया जाएगा। वालंटियर का काम बेहतर होने और गांव में कोविड-19 के हालात के आधार पर उनकी सेवा तीन माह से आगे बढ़ाई जाएगी। डीजी हेल्थ की वेबसाइट पर रोज करेंगे रिपोर्ट कोविड वालंटियर को गांवों में लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक करना होगा। वे गांव गांव प्रचार प्रसार करेंगे और जिन लोगों को होम क्वारंटीन किया जाएगा, उनके घरों पर फ्लैक्स लगवाकर चिन्हित करेंगे।
गांव में अगर कहीं भी कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर आते हैं तो उसकी रिपोर्ट डीजी हेल्थ की वेबसाइट dgmhup.gov.in/ en/volunteers reporting T अपलोड करेंगे। गांवों में काम करने के दौरान कोरोना वालंटियर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी के संपर्क में रहेंगे और उनके सुझाव के अनुसार कार्य करेंगे।