कोरोना आपदा में नहीं लागू हो सकता 'काम नहीं, वेतन नहीं का सिद्धांत : बॉम्बे हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
मुंबई। लॉकडाउन की वजह से रोजगार प्रभावित हुआ है। काम-धंधे बंद हैं। ऐसी स्थिति में कई कंपनियां काम नहीं, वेतन नहीं का सिद्धांत लागू करते हुए अपने कर्मचारियों को वेतन देने से कतरा रही हैं। हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि संकट के इस दौर में काम नहीं, वेतन नहीं का सिद्धांत लागू नहीं किया जा सकता है। जस्टिस आरवी घुगे ने कहा कि 'पहली नजर में लगता है कि इस तरह की असाधारण परिस्थितियों में काम नहीं, वेतन नहीं का सिद्धांत लागू नहीं किया जा सकता।
उन्होंने औरंगाबाद के तुलजा भवानी मंदिर संस्थान ट्रस्ट को निर्देश दिया तुलजा भवानी मंदिर को दिया निर्देश, ठेका मजदूरों को मई माह तक भुगतान करें संघ 'राष्ट्रीय श्रमिक अघाड़ी' की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि उस्मानाबाद के डीएम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष व तहसीलदार प्रबंधक है। याचिका में दावा किया गया था कि लॉकडाउन में भी ठेका मजदूरों ने मंदिर संस्थान में काम करने की इच्छा जताई थी। जबकि, ट्रस्ट ने उन्हें अनुमति नहीं दी। मार्च व अप्रैल कि वह तय करे कि उसके सभी ठेका मजदूरों को मई में किए भुगतान की राशि जनवरी और फरवरी में तक पूरा भुगतान किया जाए। अदालत ठेका मजदूर किए गए भुगतान से कम थी। एजेंसी