कोरोना और एस्मा ने बदला कर्मचारी संगठनों का स्वरूप, सोशल मीडिया बनेगी कर्मचारियों की आवाज
लखनऊ : कोरोना संकट और अब एस्मा लागू होने से प्रदेश में राज्य कर्मचारियों के लिए बहुत कुछ बदल गया है। फिलहाल छह महीने तक इंकलाब जिंदाबाद के नारे नहीं गूंजेंगे। कर्मचारी संगठनों ने बदले दौर के अनुकूल अपने को ढालना भी शुरू कर दिया है। अब सोशल मीडिया उनके लिए संवाद के मंच बन गए हैं। उनकी मांग है कि कर्मचारियों की समस्याओं के हल के लिए कार्मिक विभाग पोर्टल लॉन्च किया जाए।
हर महीने हो वार्ता
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जेएन तिवारी गुट के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से कर्मचारियों से सहयोग करने का आह्वान किया है। साथ ही आश्वासन दिया कि कोरोना काल में कर्मचारियों की मांगें सरकार तक ई-मेल के माध्यम से पहुंचाई जाएंगी।
बताया कि परिषद ने मुख्य सचिव आरके तिवारी को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए कार्मिक विभाग का पोर्टल बनाया जाए। इससे कर्मचारी और संगठनों को सुविधा दी जाए कि वह अपनी शिकायत दर्ज करवा सकें। साथ ही उन शिकायतों का निस्तारण भी उस पोर्टल पर अपलोड किया जाए। यह भी सुझाव दिया कि हर महीने मुख्य सचिव स्तर पर मान्यता प्राप् कर्मचारी संगठनों को आमंत्रित कर कर्मचारियों के हित में बातचीत की जाए।
सरकार को करनी होगी पहल
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद हरिकिशोर तिवारी गुट ने कहा कि सरकारी कर्मचारी का काम हड़ताल नहीं है। कर्मियों की मांगों के निस्तारण के लिए सरकार को पहल करनी होगी।
कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र ने सीएम योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि भत्तों की समाप्ति पर पुनर्विचार किया करे।
जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पांडेय ने कहा कि जबरन एस्मा थोपना कर्मचारियों के मनोबल को गिराएगा और बड़े आंदोलन का आधार बनेगा। . राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने कहा कि अब, विभाग स्तर पर ही समस्याओं के हल की पहल की जानी चाहिए।