● वित्त विभाग के अधिकारियों की साजिश समझे मुख्यमंत्री
● कहा, फैसला वापस हो नहीं तो 19 को काली पट्टी बांध जताएंगे विरोध
● भत्ते पर शिक्षक और कर्मचारी लामबंद, भत्ते समाप्त करने के विरोध में आंदोलन की बना रहे रणनीति
लखनऊ वरिष्ठ संवाददाता उत्तर प्रदेश कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति से जुड़े महासंघों, परिसंघों के शीर्ष नेताओं की बुधवार को विधान परिषद में शिक्षक दल नेता और माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता में ऑनलाइन बैठक की बैठक में सरकार को आगाह किया गया कि वह कर्मचारियों के छह भत्ते समाप्त करने जैसे दमनकारी कदम वापस नहीं लेती है तो लॉकडाउन के बाद सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराव संभावित है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, राज्य कर्मचारी महासंघके राष्ट्रीय अध्यक्ष एसपी सिंह, अध्यक्ष कमलेश मिश्र, सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के यादव, नेबू लाल, स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ के महामंत्री चंद्र शेखर, दैनिक वेतन संविदा श्रमिक वर्कचार्जमहासंघ के महामंत्री राम भजन मौर्य समेत कई बड़े कर्मचारी नेताओं ने भाग लिया।
निर्णय की जानकारी देते हुये समिति प्रवक्ता बीएल कुशवाहा ने बताया कि समिति का मत है कि शासन के पास वित्तीय संसाधन जुटाने के अनेक उपाय होते हैं जो दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है। राज्य कर्मचारी महासंघ भी नाराज उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह व महामंत्री राजेश सिंह ने बताया किडीए को देय वर्ष के लिए सीज किए जाने व नगर प्रतिकर भत्ता सहित छ: भत्तों को समाप्त किए जाने को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है।
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संगठनों ने कर्मचारियों, शिक्षकों और पुलिस को मिलने वाले आठ भत्तों को समाप्त करने के फैसले पर आक्रोश व्यक्त किया है। साथ ही इस निर्णय के वापस न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे वित्त विभाग के अधिकारियों की साजिश समझें। जिन्होंने अपनी पीठ थपथपाने के लिए सरकार से अकारण और अनावश्यक यह निर्णय कराया है, जिससे प्रदेश में कर्मचारी आंदोलित हों और वातावरण अशांत हो।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी व सेवानिवृत्त कर्मचारी व पेंशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने कहा कि वित्त विभाग ने सरकार से अकारण, और असमय कर्मचारी विरोधी यह फैसला कराया है। परिषद के महामंत्री शिवबरन यादव ने कहा कि भक्तों के स्थगन से जब सरकार पर खर्च का बोझ कम हो गया था तो ऐसा फैसला कराकर कर्मचारियों का मनोबल गिराने का जरूरत नहीं थी।
खासतौर से तब जब कर्मचारी इस समय जान हथेली पर रखकर सेवाएं दे रहा है। उस समय पुरस्कार की जगह ऐसे फैसले होना कर्मचारियों को आक्रोशित करना है। अच्छा होगा कि सरकार कर्मचारियों को सड़क पर आने को मजबूर न करे। वहीं सुरेश रावत की अध्यक्षता वाली राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मिश्र, उपाध्यक्ष सुनील यादव और महामंत्री अतुल मिश्र ने कहा कि प्रदेश के सभी कर्मचारी सरकार के फैसले से निराश हैं।
सचिवालय समन्वय समिति का भी विरोध का ऐलान
आठ तरह के भत्तों को समाप्त करने के विरोध में सचिवालय के संगठनों के समन्वय समिति की बुधवार को फिर सामूहिक बैठक बुलाई गई है। मंगलवार को भत्तों को समाप्त करने संबंधी आदेश जारी होने के बाद सचिवालय के विभिन्न सेवा संगठनों के पदाधिकारी एनेक्सी भवन सभाकक्ष में हुई।
इसमें सर्वसम्मति से इस निर्णय के विरोध का फैसला हुआ। पदाधिकारियों ने कहा कि यह वित्त विभाग की सरकार मनमानी व तथा सचिवालय सहित समस्त राज्य कर्मचारियों को सरकार के विरुद्ध उकसाने का षड़यंत्र है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष देवेंद्र मिश्र ने एक बयान में कहा है कि कोविड के नाम पर कर्मचारियों को ठगा गया है।