स्वास्थ्य विभाग कोरोना के डॉक्टर भी परेशान
830 सरकारी डॉक्टरों की प्रोन्नति अटकी
लखनऊ | 21 May 2020
बिना दस्तावेज संभव नहीं
सरकारी अस्पतालों में तैनात सैकड़ों डॉक्टरों की प्रोन्नति फंस गई है। लेवल तीन से चार में प्रोन्नति का मसला अटक गया है। डॉक्टरों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां (एसीआर) महानिदेशालय में नहीं पहुंची हैं।
डॉक्टरों का दावा है कि ऑनलाइन एसीआर भरवाया गया था। शासन की सख्ती के बाद अब महानिदेशालय ने फिर से सभी मंडलीय अफसर, सीएमओ और अस्पतालों के सीएमएस को पत्र भेजकर पांच दिन के भीतर एसीआर मुहैया कराने कहा है। ऐसे में ऑनलाइन भराया गया एसीआर कहां अटका है? इसकी जानकारी अफसरों को नहीं है।
प्रान्तीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) में लेवल तीन के 830 डॉक्टरों की प्रोन्नति होनी है। डॉक्टरों को समय पर प्रोन्नति मिल सके इसके लिए नौकरी से जुड़े दस्तावेजों का डिजिटल करने का फैसला लिया गया था। इस दिशा में काम भी हुआ। डॉक्टरों ने 2018-19 में ऑनलाइन एसीआर फार्म भरे। डॉक्टरों के पास ऑनलाइन फार्म भरने की रसीद तक है।
प्रोन्नति न होने से जूनियर हुए: 18 मई को स्वास्थ्य महानिदेशालय ने फिर से सभी की एसीआर जिम्मेदार अधिकारियों से मांगी है। ताकि शासन को प्रोन्नति के लिए डॉक्टरों की सूची व दस्तावेज उपलब्ध कराए जा सकें। वर्ष 1999 में करीब 1000 डॉक्टरों ने नौकरी ज्वाइन की थी। इसमें करीब 400 डॉक्टरों की प्रोन्नति जनवरी 2017 में हो गई। बाकी डॉक्टरों की प्रोन्नति अभी तक नहीं हुई है।
डॉक्टरों का कहना है कि अब वह अपने साथ नौकरी ज्वाइन करने वालों से जूनियर हो गए हैं। मामले में नए सिरे से एसीआर के बाद काफी दिनों तक प्रक्रिया चलेगी, तब तक मामला अटक गया है।