बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में वर्ष 2003 में हुई नियुक्तियों की सतर्कता जांच के आदेश।
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में वर्ष 2003 में हुई मख्य सेविका और चतर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं बाल विकास परियोजना अधिकारियों की सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं।
शासन के निर्देश पर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक शत्रुघ्न सिंह ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों से वर्ष 2003 में भर्ती किए गए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और मुख्य सेविकाओं का सेवा विवरण देने के की भी भर्ती हुई थी।2003 में भर्ती का विज्ञापन बसपा सरकार में निकला था भर्तियां सपा की सरकार में हुई। जांच के आदेश भी हुए लेकिन मामला दबा रही |
अबविभाग में अफरा-तफरी मच गई है। भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री के कड़े तेवर के कारण हड़कंप मच गया निर्देश दिए हैं। विभागीय अधिकारियों के है। विभागीय निदेशक ने 11 मई तक मुताबिक वर्ष 2003 में विश्व बैंक की बाल विकास विभाग सहायता से आईसीडीएस तृतीय के लिए भर्ती हुई थी। जिसमें पद की संख्या से अधिक भर्ती करने और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। 294 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। इसके अलावा 353 मुख्य सेविकाओं की भर्ती संविदा पर हई थी।