ईपीएफ अंशदान में नई कटौती लागू, तीन माह के लिए अंशदान 12% से घटाकर 10% करने कक निर्णय लागू।
नई दिल्ली। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान को जुलाई तक तीन महीनों के लिए मौजूदा 12% से घटाकर 10% करने के निर्णय को लागू कर दिया है। इस फैसले से संगठित क्षेत्र के 4.3 करोड़ कर्मचारी घर अधिक वेतन लेजा सकेंगे और कोरोना महामारी के चलते नकदी संकट से जूझ रहे नियोक्ताओं को कुछ राहत मिलेगी।
अनुमान है कि इस निर्णय से अगले तीन महीनों में 6,750 करोड़ की नकदी बढ़ेगी। श्रम मंत्रालय ने कहा कि ईपीएफ योगदान में कमी मई, जून और जुलाई के लिए लागू होगी।
अगस्त तक 4.3 करोड़ कर्मचारियों को मिलेगा ज्यादा वेतन
ईपीएफओ ने मई से तीन महीने तक 10% अंशदान कटौती को दी मंजरी इन्हें भी मिलेगा नए नियम का लाभ श्रम मंत्रालय ने कहा है कि इस योजना का लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा जो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 24% ईपीएफ योगदान के दायरे में नहीं आते हैं। गरीब कल्याण पैकेज के तहत जिन कंपनियों में 100 कर्मचारी तक हैं और इनमें से 90% का वेतन 15 हजार रुपये से कम है, वहां नियोक्ता और कर्मचारी का अगस्त तक ईपीएफ अंशदान सरकार की ओर से दिया जा रहा है।
सरकारी कंपनियों को देना होगा पूरा अंशदान केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों (सीपीएसई) और राज्यों के अधीन कंपनियों (पीएसयू) को इस दायरे से बाहर रखा गया है। सरकार ने कहा है कि इन कंपनियों को कर्मचारी के ईपीएफ में नियोक्ता की ओर से तय 12% का अंशदान पूर्व की तरह करना होगा। इसके अतिरिक्त अन्य नियोक्ताओं पर यह नियम लागू होगा।
पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईपीएफ में योगदान 10-10% कर दिया था। . कर्मचारी 10% से ज्यादा कर सकेंगे अंशदान केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कहा है कि भविष्य निधि खाते में कर्मचारी निर्धारित 10 फीसदी से ज्यादा अंशदान दे सकते हैं। हालांकि नियोक्ता को सिर्फ 10 फीसदी ही देना होगा। यह सुविधा मई, जून, जुलाई के लिए होगी।