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Tuesday, March 17, 2020

दिहाड़ी मजदूर भी न जाएं भीड़ में, प्रदेश सरकार देगी घर का खर्च। सरकारी कर्मियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था बनाने के निर्देश

यूपी: अब सरकारी कर्मचारी भी करेंगे 'वर्क फ्रॉम होम', सभी परीक्षाएं स्थगित, धरना-प्रदर्शनों पर भी रोक


दिहाड़ी मजदूर भी न जाएं भीड़ में, प्रदेश सरकार देगी घर का खर्च। 


सरकारी कर्मियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था बनाने के निर्देश। 


योगी सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मंगलवार को कई बड़े फैसले लिए। सरकारी व निजी कार्यालयों में भीड़-भाड़ कम से कम हो इसके लिए 'वर्क फ्रॉम होम' व्यवस्था पर विचार शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी है।



यह कमेटी देखेगी कि सरकार व निजी संस्थान किस तरह व किन-किन कार्यों के लिए 'वर्क फ्रॉम होम' व्यवस्था लागू कर सकते हैं। यानी कमर्चिारयों को सुविधाएं देकर घर से ही काम कराया जा सकता है। यह कमेटी जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देगी। इसके बाद तय प्रक्रिया के अनुसार यह व्यवस्था लागू की जाएगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कोरोना से कर्मचारी बीमार होता है या कायार्लय में छुट्टी घोषित की गई हो। दोनों ही स्थितियों में कर्मचारी को वेतन मिलता रहेगा। इसमें किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी।


शर्मा ने बताया कि सरकार के फैसलों का असर रोजमर्रा रोजी-रोटी के लिए काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण निर्णय करते हुए उन्हें आरटीजीएस के जरिए नकद भुगतान का फैसला किया है। इसके लिए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी गई है। इसमें कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल हैं। यह समिति तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। इन्हें भरण-पोषण के लिए आरटीजीएस के जरिए एकाउंट में तय धनराशि भेजी जाएगी।


वहीं, सभी शिक्षण संस्थाओं की बंदी 22 मार्च से बढ़ाकर दो अप्रैल तक कर दी गई है। सभी भर्ती आयोगों की प्रतियोगी परीक्षाएं तथा बोर्ड व विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं दो अप्रैल तक स्थगित कर दी गई हैं। सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स की बंदी भी बढ़ा दी गई है। तहसील व थाना समाधान दिवस तथा जनता दर्शन के आयोजनों को स्थगित कर दिया गया है। सभी तरह के धरना-प्रदर्शन और आंदोलन पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कोरोना वायरस पीड़ितों की मुफ्त में जांच और इलाज कराने की घोषणा की है। इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।


भीड़भाड़ वाली जगह जाने से बचें, एडवाइजरी का पूरी तरह पालन करें : योगी
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और कोरोना वायरस पर केंद्र सरकार की एडवाइजरी का शत प्रतिशत पालन करें। उन्होंने लोगों से कोरोना से घबराने की जगह सावधानी बरतने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने जिले में कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाएं। पोस्टर, बैनर लगाकर लोगों को जागरूक  करें। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना वायरस दूसरे स्टेज में है। तीसरे स्टेज से बचाव हो सके, इसके लिए ये कदम उठाए गए हैं। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर लगने वाले मेलों को लेकर जिला प्रशासन को सतर्क किया गया है। उन्हें वहां आने वाले लोगों को जागरूक करने और ग्राम पंचायतों और नगर विकास के अधिकारियों के माध्यम से सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

धार्मिक स्थलों में कम भीड़भाड़ की अपील, धर्मगुरुओं से समन्वय के निर्देश
मुख्यमंत्री ने सभी धर्मगुरुओं से अपील की है कि वे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा व चर्च आदि में भीड़-भाड़ न होने दें। जिलाधिकारियों को धर्मगुरुओं से संवाद स्थापित कर कोरोना महामारी से प्रदेश को बचाने में सहयोग लेने का निर्देश दिए गए हैं।

दरअसल, सिनेमा घर, मल्टीप्लेक्स, स्वीमिंग पूल बंद करने के निर्देश के बाद कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मोर्चे पर डट गए हैं। इसके पहले उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित राज्य संक्रामक रोक निदेशालय के कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। संक्रामक रोगों की निगरानी के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कंट्रोल रूम बनाने का निर्देश दिया, ताकि महामारियों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।

इस बीच, मास्क व सैनेटाइजर की कालाबाजारी और जमाखोरी रोकने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को एक्टिव किया गया है। सीएम ने कालाबाजारी पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। सीएम ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने इसके लिए जन सहयोग की अपेक्षा की है।

सीएम ने कहा कि प्रदेश में जगह-जगह पोस्टर लगाकर कोरोना को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इसके लक्षणों, उपचार, क्या करें, क्या न करें की जानकारी दी जा रही है।खांसी, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बह रही हो...तभी जाएं अस्पताल
डॉक्टरों का कहना है कि यदि आपको खांसी, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बह रही हो, गले मे खराश आदि हो तो तत्काल अस्पताल जाएं और इलाज कराएं। अन्य किसी तरह की दिक्कत हो तो परेशान न हों। बस कुछ दिन आराम करें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें खाएं। इससे बुखार व अन्य समस्या दूर हो जाएगी।

केजीएमयू, लोहिया संस्थान और पीजीआई के चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना वायरस से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। अगर इसके लक्षण मिल रहे हैं तो अस्पताल जाएं क्योंकि घर में बैठे रहने से यह वायरस दूसरे लोगों में भी फैल सकता है लेकिन अगर इसके लक्षण नहीं है तो अनावश्यक अस्पताल न जाएं।

अस्पताल में भीड़भाड़ बढ़ने से भी समस्या हो सकती है। केजीएमयू के डॉ. डी. हिमांशु ने बताया कि हर व्यक्ति को अपने स्तर पर सावधानी बरतने की जरूरत है। साफ-सफाई पर ध्यान दें। बाहर से आने पर जूते पहनकर घर के अंदर न जाएं।


कोरोना व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलने वाला वायरस है

- कोरोना व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलने वाला वायरस है। यह हवा में नहीं फैलता है। कोरोना वायरस आपको तभी होगा जब आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आएंगे।

- अपने हाथों को बार-बार अपने मुंह और नाक पर न लगाएं क्योंकि घर से बाहर जाने पर आप कई ऐसी चीजों का स्पर्श करते हैं जिन पर वायरस होने का खतरा रहता है। इसलिए जितना ज्यादा हो सके, हाथों को धुलते रहें।

- जिन कपड़ों को पहनकर बाहर गए हैं उन्हें घर के कपड़ों से अलग कर रखें। बाहर के कपड़ों को धुलकर धूप में डाल दें। हो सके तो नहा लें अथवा हाथ-पैर, मुंह ठीक से साबुन से धो लें।

- कोरोना वायरस का आकार 400 से 500 माइक्रोन होता है इसलिए कोई भी फेस मास्क आसानी से इसे रोक सकता है। महंगा मास्क लेने की आवश्यकता नहीं है।


ये हैं बचने के आसान उपाय

- अगर आपको बुखार है या खांसी आ रही है तो तुरंत मास्क का इस्तेमाल करें और इस तरह के लक्षण वालों से दूर रहें।
- अगर आप किसी संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति कि देखभाल कर रहे हैं तो आपको विशेष सावधानी बरतें
- पीड़ित व्यक्ति का मास्क बंद डिब्बे में डालें।


कब तक जिंदा रहता है वायरस
इस वायरस के जिंदा रहने को लेकर अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं। इसका समय इस बार पर निर्भर करता है कि इसकी मात्रा कितनी है। पूर्व में आए कोरोना वायरस के आधार पर कोरोना वायरस की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा रहा है।

आमतौर पर कागज पर यह पांच घंटे से लेकर 24 घंटे तक जिंदा रह सकता है। किसी धातु पर यह 12 घंटे तक जिंदा रह सकता है। गाउन पर एक घंटे से लेकर दो दिन तक, काटन गाउन पर पांच मिनट से 24 घंटे तक जिंदा रहता है। ऐसी स्थिति में यदि आपको यह आशंका है कि किसी पीड़ित के संपर्क में आए तो तत्काल कपड़ों को साबुन से धुलकर धूप में सुखाएं। तेज धूप में सुखाना ज्यादा कारगर होगा।


ये कहते हैं केजीएमयू और लोहिया के डॉक्टर

केजीएमयू के सीएमएस प्रो. एसएन शंखवार ने बताया कि बहुत जरूरी हो, तभी अस्पताल आएं। अस्पताल में भीड़ से इस बीमारी के भी बढ़ने की आशंका है। जिन लोगों का इलाज पहले से चल रहा है और उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं है तो वे पहले से चल रही दवाएं लेते रहें और अस्पताल आने से बचें।


अफवाहों पर न दें ध्यान, पुख्ता है इलाज की व्यवस्था
लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी का कहना है कि भीड़भाड़ वाली जगह जाने से बचकर इस वायरस को रोका जा सकता है। विभिन्न देशों में यही तकनीक अपनाई गई है। यदि किसी को समस्या होती है तो यहां के चिकित्सा संस्थानों में इलाज के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहीं कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों की हालत में लगातार सुधार हो रहा है।


खानपान में बरतें सावधानी
लोहिया संस्थान के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि सर्दी-जुकाम होने पर गुनगुना पानी पीएं और धूप लें। गरारा करने के लिए गुनगुने पानी में नमक मिला सकते हैं। ठंडी चीजें खाने से बचें। कोराना वायरस की चपेट में वही लोग आ सकते हैं, जो पीड़ित के संपर्क में रहे हों। इसलिए सर्दी-जुकाम को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।

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