कोरोना दुष्प्रभाव : कम वेतन वाली २० लाख नौकरियां जाएंगी
28 Mar 2020
सरकार का ही अनुमान है कि कोरोना की वजह से (इकाइयां बंद होेने से या कर्मियों को घर से काम करने देने से) ऐसे २० लाख श्रमिकों की नौकरी जा सकती है जिनका वेतन २१ हजार रुûपए तक है। ॥ यही वजह है कि श्रम मंत्रालय कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) में क्षतिपूर्ति के नियम बदलने जा रहा है जिससे बीमारी या अन्य वजह से श्रमिकों की नौकरी जाने पर उन्हें पहले के मुकाबले दोगुनी क्षतिपूर्ति मिल सके। यह मदद लॉस ऑफ पे के तहत मिलेगी। सामाजिक सुरक्षा के तहत यह मदद अगली नौकरी तलाशने के लिए मिलती है।
श्रम मंत्रालय ने पाया है कि लॉक ड़ाउन में श्रमिकों की गैर हाजिरी को सवैतनिक मानने और नौकरी से निकालने संबंधी एड़वाइजरी का कारोबारी पालन नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने शुक्रवार को श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव से कहा कि कारोबारियों पर दबाव बनाने का कोई अन्य रास्ता निकाला जाए। समझा जा रहा है कि जल्द ही श्रम मंत्रालय नौकरियां बचाने के लिए नए निर्देश जारी कर सकता है। नौकरियां बचाने और लॉक ड़ाउन की अवधि में श्रमिकों को समय से वेतन दिलाने के मुद्े पर श्रम मंत्री पिछले दो दिनों से मंत्रालय में लगातार अधिकारियों की बैठक कर रहे हैं।
श्रम मंत्रालय को लगातार विभिन्न माध्यमों से इस बात की सूचना मिल रही है कि कोरोना की वजह से देश में हुआ लॉक ड़ाउन श्रमिकों के लिए बहुत मसीबत लेकर आया है। यही वजह है कि वह लगातार इस पर काम कर रहा है कि जिन श्रमिकों की नौकरी बचाना मुश्किल है‚ उन्हें कम से कम तीन महीने का वेतन एड़वांस में तो दिलवाया जा सके। कोशिश यही है कि मुसीबत के दौर में श्रमिकों के हाथ में परिवार की गुजर–बसर करने के लिए थोड़़ा धन अवश्य होे। निर्माण श्रमिकों के लिए वेलफेयर बोर्ड़ से धन देने और कर्मचारी भविष्य निधि के खाताधारकों को ७५ फीसद तक की रकम निकालने की छूट देने वाले निर्णय इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं॥। सरकार के आंकड़़ों में भी जताई गई आशंका॥ अधिक क्षतिपूर्ति के लिए श्रम मंत्रालय बदल रहा है ईएसआईसी के नियम॥ लॉकड़ाउन में सवैतनिक अवकाश वाली एड़वाइजरी का असर नहीं होने पर नया रास्ता तलाश रहा मंत्रालय॥ द अजय तिवारी॥ नई दिल्ली। एसएनबी॥