शहर में मकान तो खाली करना पड़ेगा किराए का घर : हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि यदि किरायेदार का शहर में अपना मकान है, तो मकान मालिक उससे किराये का मकान खाली करा सकता है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने मेरठ के मकान मालिक दीपक जैन व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने बहस की। याची के मकान में वेद प्रकाश अग्रवाल किरायेदार थे। उनकी मृत्यु के बाद प्रेमलता अग्रवाल व अन्य उस मकान में बतौर वारिस रहते रहे। बाद में याची ने यह कहते हुए मकान खाली करने का नोटिस दिया कि किरायेदार के शहर में पांच मकान हैं। याची को अपने मकान की जरूरत है इसलिए वह मकान खाली कर दे।
नोटिस के बावजूद खाली न करने पर याची ने बेदखली वाद दाखिल किया। जज ख़फ़ीफा ने याची के पक्ष में फैसला दिया लेकिन अपीलीय अदालत ने यह कहते हुए किरायेदार की बेदखली को गलत माना कि मकान मालिक के मकान में 25 कमरे हैं अत:उसे और कमरों की जरूरत नहीं है। इसे याचिका में चुनौती दी गई।