खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में फर्जी शिक्षकों को शामिल किए जाने की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की शिकायत पर निर्वाचन आयोग बड़ा कदम उठाया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी मंडलायुक्तों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मंडलायुक्त लखनऊ ने उच्च स्तरीय जांच कर फर्जी शिक्षकों के आवेदन को निरस्त कर दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं।
फर्जी शिक्षकों को मतदाता बनाए जाने की शिकायत उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मंत्री व प्रवक्ता डॉ आर पी मिश्रा ने निर्वाचन आयोग से की थी। साक्ष्य समेत की गई इस शिकायत का आयोग ने तुरंत संज्ञान लिया। डॉ आर पी मिश्रा बताते हैं कि हाईकोर्ट व भारत निर्वाचन आयोग के आदेशों के खिलाफ विभिन्न प्रकार के सहायता नही प्राप्त (अनएडेड) निजी कॉलेज व निजी इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्राविधिक शिक्षा संस्थान, डिग्री कॉलेज के हजारों की संख्या में बगैर प्रमाणित कराए अपात्र व फर्जी शिक्षकों को मतदाता फार्म भराकर जमा किया जा रहा है। इसकी जांच भी नहीं की जा रही है। इस शिकायत को आयोग ने बहुत गंभीरता से लिया है।
डीएम से शिकायतों की जांच के निर्देश: मंडलायुक्त लखनऊ खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ के सातों जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर जमा हुए आवेदनों की उच्च स्तरीय जांच करने को कहा है। साथ ही अपात्र व फर्जी शिक्षकों के मतदाता आवेदन को निरस्त कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ : विधान परिषद की खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की छह सीटों पर होने वाले चुनाव से पहले फर्जी वोटर बनाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा की गई शिकायत के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने मामले की जांच के आदेश मंडलायुक्तों को दिए हैं। वहीं लखनऊ के मंडलायुक्त मुकेश मेश्रम ने इस मामले में जांच कमेटी का गठन भी कर दिया है।
इस प्रकरण पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद जिम्मेदार अधिकारी हरकत में आ गए हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र ने फर्जी वोटर बनाए जाने की शिकायत भारत निर्वाचन आयोग व उप्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की। डॉ. मिश्र ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थानों के अभिलेखों में जिन शिक्षकों के नाम दर्ज नहीं हैं, उन्हें भी गलत ढंग से वोटर बनाया जा रहा है।