पीएफ घोटाला
पावर कारपोरेशन में हुए 2600 करोड़ के घोटाले में जांच टीम लगातार अधिकारियों और कर्मचारियों को तलब कर पूछताछ में जुटी है। ईओडब्ल्यू के सूत्रों ने बताया कि एपी मिश्र जब पांच साल तक एमडी रहे उस दौरान उनके आदेशों निर्देशों के बारे में नानुकुर करना किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के बस की बात नहीं थी। कई अधिकारियों ने ईओडब्ल्यू को पूछताछ में बताया है कि जैसा एमडी साहब कह देते थे वैसा ही करना मजबूरी होता था। पड़ताल में सामने आया है कि डीएचएफएल के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने पूर्व एमडी व उनके कार्यालय से संपर्क किया था। इस दौरान कंपनी में निवेश के लिए दबाव डाला गया। कारपोरेशन के अधिकारियों कर्मचारियों ने ईओडब्ल्यू को बताया है कि इसके बाद आनन-फानन में एपी मिश्र के निर्देश पर कंपनी को पहली किस्त के लिए आरटीजीएस कर दिया गया।
सूत्रों का दावा है कि आरटीजीएस करने में जल्दबाजी की गई जबकि नई सरकार का गठन हो रहा था। शपथग्रहण कब होगा इसे लेकर ऊहापोह था इसी असमंजस का फायदा उठाते हुए बिना पूरी प्रक्रिया किए ही करोड़ों की रकम ट्रांसफर की जाने लगी। इस पर कुछ अधिकारियों ने सवाल उठाए तो कहा गया कि ऊपर से कहा गया है, ऐसा ही करना है। नतीजतन, नीचे के कर्मचारियों ने आरटीजीएस की प्रक्रिया पूरी कर दी।
मिलीभगत
' ईओडब्ल्यू एक-एक कर घोटाले के सुबूत जुटा रही है
' ऊपर से आदेश की बात बता कर डीएचएफल को ट्रांसफर की रकम
एक साथ तीन पदों का था चार्ज, आचार संहिता लागू होने से ऐन पहले कैबिनेट बुलाकर किया गया फैसला