केंद्रीय चुनाव आयोग ने विधानसभावार वोटर लिस्ट के संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित करते हुए इस काम में मुख्य भूमिका निभाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादलों पर रोक लगा दी है। आयोग ने कहा है कि 16 दिसम्बर से 7 फरवरी 2020 के दरम्यान आयोग की अनुमति लिये बगैर इन अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले नहीं किये जा सकेंगे।
इनमें वोटर लिस्ट के संक्षिप्त पुनरीक्षण के काम में मुख्य भूमिका निभाने वाले जिला निर्वाचन अधिकारी यानि डीएम, उप जिला निर्वाचन अधिकारी यानि एडीएम, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी यानि एसडीएम, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी यानि तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी, चकबंदी अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी व बूथ लेबल आफिसर्स शामिल हैं।
आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की विधानसभावार वोटर लिस्ट का संक्षिप्त पुनरीक्षण करवाया जाएगा। इसमें आगामी 1 जनवरी को 18 साल की उम्र पूरी करने वाले नये वोटरों को शामिल किया जाएगा।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मतदाता सत्यापन का कार्यक्रम 30 नवम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही 30 नवम्बर तक पुनरीक्षण से पहले की तैयारियां भी पूरी की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि 16 दिसम्बर तक विधान सभा क्षेत्रवार वोटर लिस्ट का मौजूदा ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा। इस पर 15 जनवरी 2020 तक दावे और आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। 27 जनवरी तक दावे और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। 4 फरवरी तक सप्लीमेण्ट्री लिस्ट तैयार की जाएगी। 7 फरवरी को नयी वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।