नर्स और एएनएम भी मरीजों को दवाएं दे सकेंगी,
ड्रग एंड कॉस्मेटिक नियमों में बदलाव का मसौदा तैयार, शेड्यूल ‘के' की दवाएं देने की अनुमति होगी, सामान्य बीमारियों में उपयोग होती हैं ये दवाएं
18 Nov 2019
क्या है शेड्यूल ‘के'
शेड्यूल ‘के' की दवाओं को घरेलू दवाएं भी कहा जाता है। ये काफी हल्की दवाएं होती हैं और इसमें एंटीबॉयोटिक सॉल्ट नहीं होता। इनमें बुखार, सर्दी, खांसी, दर्द और बाहरी उपयोग वाली दवाएं शामिल होती हैं। उदाहरण के लिए पैरासीटामॉल, एंटासिड, कुनैन, ग्राइप वाटर, यूकेलिप्टस ऑयल, बाम, कफ सीरप, बैंडेज, कॉटन आदि शेड्यूल ‘के' में आते हैं।
नई दिल्ली | विशेष संवाददाता
आने वाले समय में डॉक्टर ही नहीं बल्कि नर्स, एएनएम और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी मरीजों को छोटी-मोटी बीमारियों के लिए दवा दे सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय इसके लिए ड्रग एंड कॉस्मेटिक नियमों में बदलाव करने जा रहा है।
मंत्रालय ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक नियमों में प्रस्तावित संशोधन का मसौदा जारी किया है व हितधारकों से इस पर सुझाव मांगे हैं। मसौदा संशोधन में शेड्यूल ‘के' की दवाओं, जिन्हें अब तक सिर्फ रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स ही दे सकते थे उन्हें देने के लिए अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो, उप केंद्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत नर्स, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी अधिकृत किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संशोधन के पीछे सरकार की मंशा बताते हुए कहा कि हमारे ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की कमी रहती है। इसलिए मामूली बीमारियों के इलाज के लिए ग्रामीण आबादी झोलाछाप डॉक्टरों के पास चली जाती है और कई बार उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। इस संशोधन के बाद स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद कोई भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता मामूली बीमारियों के लिए मरीज को दवा दे सकेगा। इसके लिए उन्हें अलग से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।