दोनों का अपना-अपना तर्क
उत्तर प्रदेश राजस्व प्रशासनिक अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष निखिल कुमार शुक्ला कहते हैं कि दोनों का कॉडर बिल्कुल अलग है। चयन की प्रक्रिया भी अलग-अलग है। वहीं प्रादेशिक चकबंदी अधिकारी संघ के महामंत्री आदित्यनारायण झा कहते हैं कि चकबंदी विभाग का मूल विभाग तो राजस्व ही है। इसलिए विलय से राजस्व परिषद को अधिकारी मिल जाएंगे और काम करने की प्रक्रिया आसान होगी।
राज्य मुख्यालय | प्रमुख संवाददाता
विरोध का मुख्य कारण: राजस्व परिषद के नायब तहसीलदारों का कहना है कि उनका चयन लोकसेवा आयोग पीसीएस संवर्ग की परीक्षा से कराता है, जबकि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग सहायक चकबंदी अधकारी की भर्ती करता है, जिसे नायब तहसीलदार स्तर का माना जाता है। राजस्व परिषद के नायब तहसीलदार को न्यायिक कार्य व विवादित मामले सुनते हैं, जबकि चकबंदी के अविवादित मामले देखते हैं।