टैक्स स्लैब में बदलाव से सरकार को 55,000 करोड़ रु की होगी बचत, डायरेक्ट टैक्स कोड पर टास्क फोर्स की रिपोर्ट को लागू करने को लेकर चर्चा तेज
नई दिल्ली: डायरेक्ट टैक्स कोड पर टास्क फोर्स की रिपोर्ट को लागू करने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। जी हां इनकम टैक्स टास्क फोर्स ने इनकम टैक्स स्लैब और कैपिटल गेन टैक्स सिस्टम में बदलाव करने के लिए सुझाव दिए हैं, जिन्हें अगर सरकार लागू करती है तो सरकार का रेवेन्यू 55,000 करोड़ रुपए से अधिक बढ़ सकता है। टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर सरकार ने विचार करना शुरू कर दिया है और इसके कुछ सुझावों को आगामी बजट में शामिल किया जा सकता है।
50 प्रतिशत पेनाल्टी के साथ अधिक इनकम टैक्स जानकारी के मुताबिक, अभी तक टास्क फोर्स की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि टैक्सेशन की प्रणाली में बदलाव किया जाए। इसमें ऐसे लोगों के खिलाफ मामला न चलाने या असेसमेंट दोबारा न खोलने का सुझाव दिया गया है, जो छह वर्ष तक की पिछली अवधि के लिए इंट्रेस्ट और 50 प्रतिशत पेनाल्टी के साथ अधिक इनकम टैक्स देते हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में 10 लाख रुपए तक की इनकम वालों के लिए 10 प्रतिशत, 10-20 लाख रुपए के लिए 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपए से 2 करोड़ रुपए तक की इनकम वालों के लिए 30 प्रतिशत और 2 करोड़ रुपए से अधिक की आमदनी वालों के लिए 35 फीसदी के पर्सनल इनकम टैक्स रेट का सुझाव गया है।
15% से 37 % तक के बीच में लगने वाले सरचार्ज को हटाने का भी सुझाव वहीं टास्क फोर्स ने 15 प्रतिशत से 37 प्रतिशत तक के बीच में लगने वाले सरचार्ज को हटाने का भी सुझाव दिया है। इसके साथ ही यह भी कहा है कि लोगों को मिलने वाली डिडक्शन की सुविधा को प्रोविडेंट फंड, मेडिकल और एजुकेशनल खर्चों, हाउसिंग लोन और चैरिटी तक सीमित रखा जाए। फिलहाल कोई व्यक्ति फिक्स्ड डिपॉजिट, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम और इंश्योरेंस में निवेश करके इंटरेस्ट पर डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं।
टास्क फोर्स ने इंटरेस्ट और किराए के भुगतान पर दिए जाने वाले डिडक्शन को हटाने का सुझाव दिया है। 19 अगस्त को सौंपी गई थी रिपोर्ट सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के मेंबर अखिलेश रंजन टास्क फोर्स में कन्वेनर और चीफ इकनॉमिक एडवाइजर के सुब्रमणियन मेंबर के तौर पर शामिल थे। इसकी रिपोर्ट 19 अगस्त को सौंपी गई थी। इसमें टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलावों का सुझाव है जिनका लक्ष्य टैक्सपेयर्स को राहत देने के साथ ही टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी करना है। कैपिटल गेन्स टैक्स के लिए टास्क फोर्स ने तीन सूत्री व्यवस्था- इक्विटी, नॉन-इक्विटी फाइनेंशियल असेट्स और प्रॉपर्टी सहित सभी अन्य अपनाने का सुझाव दिया है। इंडेक्सेशन के लाभ नॉन-इक्विटी फाइनेंशियल असेट्स और अन्य सभी असेट कैटिगरी तक सीमित रखने का प्रपोजल है।