यूपी के अब सारे मंत्रियों को एक गरीब कुपोषित बच्चे को गोद लेना होगा। उन्हें कुपोषण से मुक्त करा कर उसके सर्वांगीण विकास का दायित्व लेना होगा। यही नहीं उन्हें कम से कम एक आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लेकर उसकी व्यवस्था पर नजर रखनी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि उनकी सरकार के मंत्री यह जिम्मा उठायें। उन्होंने इस संबंध में उपमुख्यमंत्री, मंत्री व राज्य मंत्रियों को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि मंत्री अपने प्रभार वाले जिले के एक गरीब अतिकुपोषित निराश्रित बच्चे को गोद लेकर उसे कुपोषण से मुक्त कराने की जिम्मेदारी उठाएंगे तो यह समाज के लिए अनुकरणीय होगा। प्रभारी मंत्री के तौर पर आवंटित जिले के एक आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लेकर वहां पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों का व्यक्तिगत तौर पर अनुश्रवण करें। इससे यह केंद्र आदर्श केंद्र के तौर पर उभरेगा।
इन मौजूदा हालातों का दिया हवाला: सीएम ने पत्र में कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक शून्य से पांच साल तक बच्चों में राष्ट्रीय कुपोषण दर 35.8 प्रतिशत के मुकाबले राज्य कुपोषण दर 39.5 प्रतिशत है। व शिशु मृत्यु दर (1000 बच्चों में 28 दिनों के अंदर) राष्ट्रीय औसत 41 के मुकाबले प्रदेश में 64 है। इसीलिए केंद्र सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आंगनबाड़ी सेवाएं, किशोरी बालिकाओं के लिए योजना स्कीम फार एडोल्सेंट गर्ल्स एसएजी तथा पोषण अभियान को संचालित किया जा रहा है।
इन योजनाओं के तहत लक्षित समूह गर्भवती महिलाओं , शून्य से पांच साल तक के बच्चों व किशोरी बालिकाओं को स्वास्थ्य पोषण से जोड़ने का अभियान चल रहा है। इसके साथ ही बच्चों के शारीरिक, मानसिक बौद्धिक व ईसीसीई (अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन ) सेवाएं दी जा रही हैं। प्रदेश में यह सेवाएं 188259 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से प्रदान की जा रही है।