आधार, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस की जगह भविष्य में सिर्फएक कार्ड हो सकता है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों के लिए एक ऐसा बहु-उद्देश्यीय पहचान पत्र होना चाहिए जिससे सभी सुविधाएं जुड़ी हुई हों। गृहमंत्री ने 2021 की जनगणना एप से कराने का भी ऐलान किया।
डिजिटल जनगणना : महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय के नए भवन की आधारशिला रखने के बाद गृहमंत्री ने कहा, क्यों ना हमारे पास आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो। एक ऐसी प्रणाली होनी चाहिए जिसमें सभी आंकड़ों को एक ही कार्ड में इकट्ठा रख दिया जाए। यह संभव है। यही कारण है कि डिजिटल जनगणना होने जा रही है।
पहली बार एप से जनगणना : शाह ने कहा कि 2021 जनगणना में पहली बार एप का उपयोग किया जाएगा और देश कागज-कलम वाली जनगणना से डिजिटल युग में प्रवेश करेगा। एक अक्तूबर 2020 से जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के बर्फबारी वाले इलाकों से जनगणना शुरू होगी जबकि शेष भारत में एक मार्च 2021 से जनगणना की जाएगी। शाह ने कहा, एक ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिससे अगर किसी की मौत हो जाती है तो अपने आप उसकी जानकारी जनसंख्या आंकड़े में अपडेट हो जाए।
एनआरसी की भी तैयारी: गृहमंत्री ने कहा कि जनगणना के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी. (एनपीआर) के लिए भी आंकड़े जुटाए जाएंगे। एनपीआर देश में रहने वाले निवासियों की सूची है। अधिकारियों के मुताबिक यह असम में लागू एनआरसी के अखिल भारतीय प्रारूप का आधार बन सकती है।