पुरानी पेंशन के लिए फिर आंदोलन की तैयारी, निकाला मशाल जुलूस, 27 को प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन का फैसला।
मशाल जुलूस निकाल कर सीएम से मांगी पुरानी पेंशन
राज्य कर्मचारियों को जितनी कठिनाई अपनी मांगें पूरी न होने से है, उतनी ही तकलीफ इसकी भी है कि मुद्दों को लगातार जानकारी में लाए जाने के बावजूद शासन के उच्चाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इसके विरोध में मंगलवार को सभी जिलों में मशाल जुलूस निकाला और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 11 सूत्रीय मांगपत्र भेजकर आंदोलन की चेतावनी दी है। सुनवाई न होने पर परिषद ने 27 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन की तैयारी भी शुरू कर दी है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों में धरना देकर अपनी मांगें उठाईं और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपा। लखनऊ में भी कर्मचारी नेता बीएन सिंह की प्रतिमा पर एकत्र होकर कर्मचारियों ने सरकार के रवैये के प्रति विरोध जताया। परिषद अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि निर्धारित व्यवस्थाओं के बावजूद विसंगतियों का समय पर निस्तारण न होने से कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है, जबकि लगातार इससे अवगत कराए जाने के बाद भी सरकार के स्तर से कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसी क्रम में कर्मचारियों ने अब अपनी प्रमुख मांगों के लिए मुख्यमंत्री से दखल की मांग की है। जिलों में धरने के दौरान हुई सभाओं में वक्ताओं ने कहा कि 50 साल की उम्र वाले कार्मिकों को बिना औपचारिकता पूरी किए जबरन सेवानिवृत्त करने और वार्षिक प्रविष्टि में अति उत्तम को बाध्यकारी बनाने जैसे गैर जरूरी आदेशों से विभागीय अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों का शोषण किए जाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। पुरानी पेंशन बहाल करने, वेतन विसंगति दूर करने, केंद्र के समान मकान किराया सहित अन्य भत्ते बढ़ाने, फील्ड कर्मचारियों को मोटर साइकिल भत्ता प्रदान करने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने और पूर्व की सेवाओं को जोड़कर सेवा लाभ प्रदान करने सहित कई मामलों पर आंदोलन के बाद भी निस्तारण न होने से कार्मिकों में नाराजगी है।