इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से अगर आपको नोटिस मिलता है तो घबराने की बात नहीं है। आप इसका आसानी से जवाब दे सकते हैं। इस बारे में हम बताने जा रहे हैं।
आप आयकर विभाग के टैक्स नोटिस का जवाब विभाग की वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in पर भेज सकते हैं।
■ नोटिस के प्रकार और इनसे निपटने के तरीके
★ 131 (1ए)
क्या है इसका अर्थ?
असेसिंग ऑफिसर को संदेह है कि आपने अपनी आय छिपाई है।
◆ कैसे दें जवाब
अगर विभाग द्वारा मांगे गए सारे दस्तावेज आपके पास नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में आपके पास जो भी दस्तावेज हैं उन्हें निर्धारित समय-सीमा के भीतर आयकर को भेज दें। साथ ही, अन्य दस्तावेजों को इकट्ठा करने के लिए और समय मांगने को लेकर एक आवेदन भी भेजें।
★ 139 (9)
क्या है मकसद?
इसके तहत नोटिस तब भेजा जाता है, जब रिटर्न फॉर्म में गलतियां हों या रिफंड क्लेम का इनकम डिटेल नहीं दिया गया हो।
◆ कैसे दें जवाब
15 दिनों के भीतर जवाब दें। विभाग की वेबसाइट में 'ई-फाइल के तहत ई-फाइल इन रेस्पॉन्स टु नोटिस यू/एस 139 (9) का चयन करें उसमें मांगी गई जानकारियों को भरें।
★143 (1)
क्या है मकसद?
अगर कैलकुलेशन में कोई गलती हो या दी गई जानकारी सही नहीं हो तो अतिरिक्त कर या अन्य जरूरी बदलावों के लिए यह डिमांड नोटिस भेजा जाता है।
◆ कैसे दें जवाब
30 दिनों के भीतर इसका जवाब दें। ई-प्रॉसिडिंग में जाकर इस नोटिस को पा सकते हैं।
★148
क्या है मकसद?
अगर असेसमेंट में कुछ इनकम छूट गया है तो रिअसेसमेंट के लिए यह नोटिस जारी किया जाता है। इसके तहत छह साल तक के मामले को खोला जा सकता है।
★ 156
क्या है मकसद?
आयकर कानून की धारा 156 के तहत बकाया राशि, इंट्रेस्ट, पेनल्टी इत्यादि को लेकर यह डिमांड नोटिस जारी किया जाता है।
◆ कैसे दें जवाब
बकाये का भुगतान 30 दिनों के भीतर कर दें। वेबसाइट में ई-फाइल पर जाएं और भुगतान के लिए 'रेस्पॉन्ड टु आउटस्टैंडिंग डिमांड' पर क्लिक करें।