Searching...
Wednesday, June 12, 2019

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मिले नोटिस तो घबराएं नहीं, इस तरह दें जवाब

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से अगर आपको नोटिस मिलता है तो घबराने की बात नहीं है। आप इसका आसानी से जवाब दे सकते हैं। इस बारे में हम बताने जा रहे हैं।


इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिलने पर अमूमन लोग परेशान हो जाते हैं। उनके मन में एक ही ख्याल आता है कि अब उन्हें कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ेगा। हालांकि, ऐसी कोई बात नहीं है। आपके इनकम टैक्स रिटर्न में थोड़ी बहुत भी शंका होने पर आयकर विभाग आपको आयकर कानून के विभिन्न अधिनियमों के तहत नोटिस भेज सकता है, इसलिए आपको तमाम नोटिस का मतलब और इसके जवाब के बारे में जानकारी होनी जरूरी है। यहां हम इन्हीं बातों पर चर्चा करने जा रहे हैं। 





आप आयकर विभाग के टैक्स नोटिस का जवाब विभाग की वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in  पर भेज सकते हैं। 




■  नोटिस के प्रकार और इनसे निपटने के तरीके

131 (1ए) 
क्या है इसका अर्थ? 
असेसिंग ऑफिसर को संदेह है कि आपने अपनी आय छिपाई है।

◆ कैसे दें जवाब 
अगर विभाग द्वारा मांगे गए सारे दस्तावेज आपके पास नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में आपके पास जो भी दस्तावेज हैं उन्हें निर्धारित समय-सीमा के भीतर आयकर को भेज दें। साथ ही, अन्य दस्तावेजों को इकट्ठा करने के लिए और समय मांगने को लेकर एक आवेदन भी भेजें। 


139 (9) 
क्या है मकसद? 
इसके तहत नोटिस तब भेजा जाता है, जब रिटर्न फॉर्म में गलतियां हों या रिफंड क्लेम का इनकम डिटेल नहीं दिया गया हो। 

कैसे दें जवाब 
15 दिनों के भीतर जवाब दें। विभाग की वेबसाइट में 'ई-फाइल के तहत ई-फाइल इन रेस्पॉन्स टु नोटिस यू/एस 139 (9) का चयन करें उसमें मांगी गई जानकारियों को भरें। 


143 (1) 
क्या है मकसद? 
अगर कैलकुलेशन में कोई गलती हो या दी गई जानकारी सही नहीं हो तो अतिरिक्त कर या अन्य जरूरी बदलावों के लिए यह डिमांड नोटिस भेजा जाता है। 

कैसे दें जवाब 
30 दिनों के भीतर इसका जवाब दें। ई-प्रॉसिडिंग में जाकर इस नोटिस को पा सकते हैं।


148 
क्या है मकसद? 
अगर असेसमेंट में कुछ इनकम छूट गया है तो रिअसेसमेंट के लिए यह नोटिस जारी किया जाता है। इसके तहत छह साल तक के मामले को खोला जा सकता है। 

156 
क्या है मकसद? 
आयकर कानून की धारा 156 के तहत बकाया राशि, इंट्रेस्ट, पेनल्टी इत्यादि को लेकर यह डिमांड नोटिस जारी किया जाता है। 

कैसे दें जवाब 
बकाये का भुगतान 30 दिनों के भीतर कर दें। वेबसाइट में ई-फाइल पर जाएं और भुगतान के लिए 'रेस्पॉन्ड टु आउटस्टैंडिंग डिमांड' पर क्लिक करें। 

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स