इनकम टैक्स रिटर्न कब तक भर देना चाहिए? अगर समय पर आईटीआर नहीं भरा तो क्या होगा? देर हो जाए तो फिर लेट फीस के साथ रिटर्न फाइलिंग का आखिरी मौका कब तक होता है? लेट फीस का नियम क्या है? पाएं, इन सारे सवालों के जवाब।
क्या आपको पता है कि अलग-अलग कैटिगरी के टैक्सपेयर के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की मियाद भी अलग-अलग होती है? इंडिविजुअल्स, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) और जिन लोगों के खातों की ऑडिटिंग की जरूरत नहीं है, इन तीनों के लिए वित्त वर्ष 2018-19 में हुई आय के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2019 है।
कंपनियों और किसी कंपनी के वर्किंग पार्टनर्स जैसे दूसरे श्रेणी के करदाताओं पर 31 जुलाई की समयसीमा लागू नहीं होती है। आइए देखते हैं कि विभिन्न श्रेणी के करदाताओं के लिए आईटीआर फाइल करने की समयसीमा क्या है...
* (सेक्शन 92E के तहत रिपोर्ट तब जमा कराना पड़ता है जब टैक्सपेयर ने संबंधित वित्त वर्ष में दूसरे देश से लेनदेन किया है। स्रोत: टैक्स फाइलिंग वेबसाइट टैक्स2विन.इन )
टैक्सपेयर्स की श्रेणियां | अंतिम तिथि |
सभी इंडिविजुअल्स/असेसीज जिनके खाते ऑडिट करने की जरूरत नहीं है (इंडिविजुअल, एचयूएफ, लोगों के संघ, इंडिविजुअल्स की संस्था आदि) | संबंधित आकलन वर्ष की 31 जुलाई |
जिनके अकाउंट्स की ऑडिटिंग जरूरी है.... कंपनी ऐसे इंडिविजुअल या अन्य एंटिटि जिनके अकाउंट्स की ऑडिटिंग जरूरी है, जैसे प्रॉपर्टीशिप, फर्म आदि किसी फर्म का वर्किंग पार्टनर | संबंधित आकलन वर्ष के 30 सितंबर तक |
ऐसे असेसीज जिन्हें सेक्शन 92E* के तहत रिपोर्ट देनी होती है | संबंधित आकलन वर्ष के 30 नवंबर तक |
आकलन वर्ष (असेसमेंट ईयर) का मतलब उस वित्त वर्ष के अगले वर्ष से है जिस वित्त वर्ष की आमदनी का आकलन किया जा रहा हो। इसी वर्ष में आप पिछले वित्त वर्ष का आईटीआर फाइल करते हैं। मसलन, वित्त वर्ष 2018-19 का आकलन वर्ष 2019-20 होगा।
डेडलाइन मिस हो गई तो?
इंडिविजुअल्स इस बार अगर 31 जुलाई, 2019 तक आईटीआर नहीं भी फाइल कर पाएंगे तो भी आपके पास मौका होगा। आप 31 मार्च, 2020 तक बिलेटेड आईटीआर फाइल कर सकते हैं। अगर आपने यह डेडलाइन भी मिस कर दी तो आप आईटीआर फाइल नहीं कर पाएंगे, बशर्ते आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से आईटीआर फाइल करने का नोटिस नहीं मिला हो।
इंडिविजुअल्स इस बार अगर 31 जुलाई, 2019 तक आईटीआर नहीं भी फाइल कर पाएंगे तो भी आपके पास मौका होगा। आप 31 मार्च, 2020 तक बिलेटेड आईटीआर फाइल कर सकते हैं। अगर आपने यह डेडलाइन भी मिस कर दी तो आप आईटीआर फाइल नहीं कर पाएंगे, बशर्ते आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से आईटीआर फाइल करने का नोटिस नहीं मिला हो।
हालांकि, आपके पास अगले वर्ष 31 मार्च तक बिलेटेड आईटीआर फाइल करने का विकल्प है, लेकिन आपको इसी वर्ष 31 जुलाई तक यह काम निपटा लेना चाहिए क्योंकि इस तारीख के बाद और 31 मार्च तक आप जब कभी भी आईटीआर फाइल करेंगे, आपको जुर्माना भरना पड़ेगा।
देर से आईटीआर फाइल करने पर जुर्माना
समसीमा के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माने का ऐलान बजट 2017 में किया गया था जो आकलन वर्ष 2018-19 से लागू हो गया, जिसमें वित्त वर्ष 2017-18 का आईटीआर फाइल किया गया था। उससे पहले संबंधित आकलन वर्ष की समयसीमा पार करने के बाद जुर्माना लादने का पूरा अधिकार असेसिंग ऑफिसर के पास होता था। अब इनकम टैक्स ऐक्ट में सेक्शन 234एफ डाल दिया गया जिसके तहत लेट फाइलिंग पर जुर्माना तय कर दिया गया है।
कब, कितना देना होगा जुर्माना?
सालाना 5 लाख रुपये तक की कुल आमदनी वाले छोटे करदाताओं से ज्यादा-से-ज्यादा 1 हजार रुपये ही वसूले जा सकते हैं। यानी, ऐसे टैक्सपेयर्स 31 जुलाई, 2019 के बाद और 31 मार्च, 2020 के तक जब भी आईटीआईर फाइल करेंगे, उन्हें लेट फाइन के तौर पर 1 हजार रुपये ही लगेंगे।
समसीमा के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माने का ऐलान बजट 2017 में किया गया था जो आकलन वर्ष 2018-19 से लागू हो गया, जिसमें वित्त वर्ष 2017-18 का आईटीआर फाइल किया गया था। उससे पहले संबंधित आकलन वर्ष की समयसीमा पार करने के बाद जुर्माना लादने का पूरा अधिकार असेसिंग ऑफिसर के पास होता था। अब इनकम टैक्स ऐक्ट में सेक्शन 234एफ डाल दिया गया जिसके तहत लेट फाइलिंग पर जुर्माना तय कर दिया गया है।
कब, कितना देना होगा जुर्माना?
ITR फाइलिंग की तारीख | जुर्माने की रकम |
31 जुलाई, 2019 के बाद, लेकिन 31 दिसंबर, 2019 से पहले | पांच हजार रुपये |
1 जनवरी से 31 मार्च, 2020 तक | 10 हजार रुपये |
सालाना 5 लाख रुपये तक की कुल आमदनी वाले छोटे करदाताओं से ज्यादा-से-ज्यादा 1 हजार रुपये ही वसूले जा सकते हैं। यानी, ऐसे टैक्सपेयर्स 31 जुलाई, 2019 के बाद और 31 मार्च, 2020 के तक जब भी आईटीआईर फाइल करेंगे, उन्हें लेट फाइन के तौर पर 1 हजार रुपये ही लगेंगे।
ध्यान रहे कि अगर किसी इंडिविजुअल की ग्रॉस टोटल इनकम, टैक्स छूट की सीमा को पार नहीं करती है तो उसे 31 जुलाई, 2019 के बाद और 31 मार्च, 2020 तक आईटीआर फाइल करने पर भी लेट फाइन नहीं देना होगा। मौजूदा आयकर कानून के तहत टैक्स छूट की सीमा में आने वाली सालाना आय इस प्रकार है...
रेजिडेंट इंडिविजुअल की उम्र | बेसिक इग्जेंप्शन लिमिट (रुपये में) |
60 वर्ष से नीचे - ढाई लाख रुपये | ढाई लाख रुपये |
60 वर्ष से 80 वर्ष तक (वरिष्ठ नागरिक) | तीन लाख रुपये |
80 वर्ष से ऊपर (अति वरिष्ठ नागरिक) | पांच लाख रुपये |
हालांकि, इस मामले में लेट फाइलिंग में एक झोल है। अगर भारत में रह रहे इंडिविजुअल को विदेशी की संपत्तियों से आमदनी हो रही हो और वह देर से आईटीआर फाइल कर रहा हो तो उसे लेट फाइलिंग फीस देनी होगी, भले ही उसकी आमदनी टैक्स छूट के दायरे में ही हो।