Searching...
Friday, February 1, 2019

Income Tax : 5 लाख नहीं कुल 7 लाख रुपये की आमदनी हुई अब टैक्स फ्री, देखें आयकर से जुड़े प्रावधानों में क्या हुआ बदलाव

Income Tax : 5 लाख नहीं कुल 7 लाख रुपये की आमदनी हुई अब टैक्स फ्री, देखें आयकर से जुड़े प्रावधानों में क्या हुआ बदलाव।



नई दिल्ली।  वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में इनकम टैक्स छूट को लेकर बड़ा ऐलान किया है। इसमें उन्होंने इनकम टैक्स की सीमा को बढ़ा कर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की है। लेकिन वास्तव में यह टैक्स छूट 7 लाख रुपये तक हो सकती है। अगर इनकम टैक्स के नियमों का सही तरीके फायदा उठाया जाए तो कोई भी नौकरीपेशा साल में 7 लाख रुपये तक की अपनी आमदनी को टैक्स फ्री कर सकता है।


ऐसे मिलेगी 7 लाख रुपये की छूट आज संसद में पेश बजट में पीयूष गोयल ने घोषणा की है कि अगले साल से देश के सभी लोगों की 5 लाख रुपये तक की आमदनी पूरी तरह से टैक्स फ्री होगी। अभी तक यह टैक्स फ्री आमदनी की सीमा 2.5 लाख रुपये की थी। इसके अलावा बजट में बताया गया है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। इस प्रकार नौकरीपेशा लोगों की साल में 5.5 लाख रुपये की आमदनी पूरी तरह से टैक्स फ्री हो जाएगी।


इसके अलावा देश में सभी लोग 1.5 लाख रुपये तक का निवेश करके इनकम टैक्स बचा सकते हैं। इसमें इस बजट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी अगर आम करदाता 1.5 लाख रुपये का निवेश इनकम टैक्स बचाने के लिए करता है तो उसको यह टैक्स छूट और मिलेगी। इस तरह हो जाएगी 7 लाख रुपये की आय पूरी तरह से टैक्स फ्री इस तरह से 5 लाख रुपये की पूरी आमदनी टैक्स फ्री बजट प्रस्ताव के तहत टैक्स फ्री होगी।


इसके बाद 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। इसके बाद 1.5 लाख रुपये 80C के तहत निवेश करके टैक्स फ्री हो जाएगा। इस तरह से नौकरी पेशा की 7 लाख रुपये तक की पूरी आमदनी टैक्स फ्री हो जाएगी।



मिडिल क्लास को अब कितनी राहत?

एक तरह से देखा जाए तो यह मिडिल क्लास के लिए बहुत बड़ी राहत है। 5 लाख रुपये तक की टैक्स फ्री आमदनी के साथ ही 80C की 1.50 लाख रुपये तक की छूट सीमा को अगर जोड़ दिया जाए तो यह छूट 6.50 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। वहीं बीते साल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जिस 40 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन की बात कही थी उसे भी बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। इससे भी देश के मिडिल क्लास को राहत मिलेगी।


समझ लीजिए टैक्स छूट का पूरा गणित: वित्त मंत्री ने 5 लाख रुपये तक की आय को जो टैक्स फ्री किया है उसे टैक्स के नजरिए से समझना जरूरी है। टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार 5 लाख तक की टैक्स फ्री आय ग्रॉस इनकम-डिडक्शन के बाद होगी। यानी किए गए निवेश को घटाने के बाद अगर आपकी आय 5 लाख रुपये सालाना से कम है तो ही आप टैक्स छूट के दायरे में आएंगे। 


ये होगी स्लैब-

(यानी 5 लाख रुपये तक की आय पर अभी तक 2.50 लाख रुपये टैक्स फ्री होते है। बाकी के 2.50 लाख रुपये पर 5 फीसद के हिसाब  से 12,500 रुपये की टैक्स देनदारी बनती थी। लेकिन 87A के अंतर्गत यह टैक्स छूट के दायरे में आ जाएगी।) 



वहीं जिनकी आय 5 लाख से ऊपर होगी उनके लिए क्या होगी स्लैब रेट:

5 नहीं 7 लाख तक की आय होगी ऐसे टैक्स फ्री:  5 लाख तक की आय तो व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा में आ गई है। इसमें अगर आर 80C की डेढ़ लाख की छूट को शामिल कर लें तो यह लिमिट बढ़कर हो गई 6.50 लाख रुपये। वहीं अगर इसमें 80D को शामिल कर लिया जाए जिसमें 50 हजार रुपये तक की छूट मिलती है (25 हजार खुद का और 25 हजार माता-पिता का इंश्योरेंस) तो यह सीमा 7 लाख रुपये तक पहुंच जाती है।


उदाहरण से समझिए: मान लीजिए आपकी सालाना आय 7 लाख रुपये है तो आपकी 7 लाख की आय में 1.50 लाख रुपये 80C के कम कर दीजिए। अब बचे 5.50 लाख रुपये। अब 80D के तहत 50 हजार रुपये की टैक्स कटौती और कम कर दीजिए। बचे 5 लाख रुपये ये ही पांच लाख रुपये टैक्स फ्री होंगे।


पीयूष गोयल ने जैसे ही संसद में 5 लाख तक की टैक्स फ्री आय की घोषणा की संसद में मोदी-मोदी के नारे लगने लगे। गोयल ने यहां पर देश के करदाताओं का भी धन्यवाद अदा किया। उन्होंने कहा, " मैं अपने सभी टैक्स देने वाले देशवासियों को धन्यवाद देता हूं जिस कारण से गरीबों के लिए योजनाएं लागू करने में आसानी हुई।" 

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स