एनबीटी, लखनऊ : विभागीय कर्मचारियों की सेवा संबंधी लंबित मामले अब फोरम में हल किए जाएंगे। प्रदेश कर्मचारियों को सेवा सम्बंधी मांगों के समाधान के लिए अब न्यायालय की शरण में नहीं जाना पड़ेगा। यह निर्णय प्रदेश के न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने बुधवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ हुई बैठक में लिया। इस फोरम के सक्रिय होने से करीब 80 प्रतिशत मामलों का हल, विभागीय स्तर पर निपटाया जा सकेगा।
न्याय मंत्री बृजेश पाठक की अध्यक्षता में विधान भवन के उनके कक्ष में न्याय विभाग के उच्चाधिकारी व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी की अगुआई में बैठक हुई। बृजेश पाठक ने आश्वस्त किया कि 15 दिन के अंदर सभी विभागों के प्रमुख सचिवों और सचिव से ऐसे विभागीय विवादों की सूची प्राप्त करने के बाद दोबारा मंत्री स्तर पर बैठक कर उन लंबित मामलों की समीक्षा की जाएगी।
हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि विभिन्न न्यायालयों में कर्मियों की सेवा सम्बंधी विभागीय विवाद बड़ी संख्या में लम्बित हैं। इससे समय व धन दोनों व्यय हो रहे हैं, इसीलिए शासन के न्याय विभाग के अनुश्रवण प्रकोष्ठ की अधिसूचना 19 जून 2015 द्वारा प्रदेश भर में 4 फोरमों का गठन किया गया था। इसमें सीएम द्वारा नामित कर्मियों के संगठन से एक सदस्य, मुख्य सचिव द्वारा नामित विशेष सचिव स्तर का एक अधिकारी, उच्च न्यायलय से एक स्थायी अधिवक्ता सदस्य सचिव के रूप में नामित है। बैठक में प्रमुख सचिव न्याय, विधि परामर्शी दिनेश कुमार सिंह द्वितीय, विशेष सचिव और अपर विधि परामर्शी जेपी सिंह व महामंत्री शिवबरन सिंह यादव और संगठन मंत्री संजीव गुप्ता मौजूद रहे।
न्याय मंत्री बृजेश पाठक की अध्यक्षता में विधान भवन के उनके कक्ष में न्याय विभाग के उच्चाधिकारी व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी की अगुआई में बैठक हुई। बृजेश पाठक ने आश्वस्त किया कि 15 दिन के अंदर सभी विभागों के प्रमुख सचिवों और सचिव से ऐसे विभागीय विवादों की सूची प्राप्त करने के बाद दोबारा मंत्री स्तर पर बैठक कर उन लंबित मामलों की समीक्षा की जाएगी।
हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि विभिन्न न्यायालयों में कर्मियों की सेवा सम्बंधी विभागीय विवाद बड़ी संख्या में लम्बित हैं। इससे समय व धन दोनों व्यय हो रहे हैं, इसीलिए शासन के न्याय विभाग के अनुश्रवण प्रकोष्ठ की अधिसूचना 19 जून 2015 द्वारा प्रदेश भर में 4 फोरमों का गठन किया गया था। इसमें सीएम द्वारा नामित कर्मियों के संगठन से एक सदस्य, मुख्य सचिव द्वारा नामित विशेष सचिव स्तर का एक अधिकारी, उच्च न्यायलय से एक स्थायी अधिवक्ता सदस्य सचिव के रूप में नामित है। बैठक में प्रमुख सचिव न्याय, विधि परामर्शी दिनेश कुमार सिंह द्वितीय, विशेष सचिव और अपर विधि परामर्शी जेपी सिंह व महामंत्री शिवबरन सिंह यादव और संगठन मंत्री संजीव गुप्ता मौजूद रहे।
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