पुरानी पेंशन बहाली पर टाइमपास कर रही सरकार, पेंशन बहाली मंच ने अधिकारियों के शामिल न होने और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाने पर जताई तल्ख प्रतिक्रिया।
लखनऊ : पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारी नेताओं और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली दूसरी बैठक भी बेनतीजा निकली। इस दौरान कर्मचारी अपनी मांगों पर कायम रहे। पुरानी पेंशल बहाली मंच के नेताओं ने इसको समय खराब करने वाला बैठक बताया।
मंच की तरफ से स्पष्ट रुख संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनाई गई समिति के आधार पर मिलने वाली संस्तुति, गणना और विचार के बाद ही पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाए। उन्होंनें बताया कि बैठक से समय सीमा के भीतर कोई रास्ता नहीं निकल सकता। समिति की तरफ से कहा गया कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दो महीने की समय सीमा तय करने के साथ ही जब एक समिति पुरानी पेंशन बहाली के लिए बना दी गई है। उसके बाद भी कोई रिजल्ट नहीं निकल रहा है।
कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के नेताओं ने सरकार की तरफ से बुलाई गई इस बैठक में कहा कि अगर लगातार एक वर्ष तक बैठक की जाए। तब भी प्रदेश में कर्मचारियों के इतने संगठन है कि वार्ता पूरी नहीं होगी और लगातार कई तरह के तर्क-विर्तक होंगेे। ऐसे में कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन को लागू करना ही सबसे बढ़िया विकल्प है। जब राज्य के शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी सिर्फ पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर संघर्ष कर रहे है तो सरकार को इन वार्ताओं में समय बर्बाद नही करना चाहिए। इस संबंध में अगली सम्भावित बैठक 26 नवम्बर को बुलाई जा सकती है। मंच की तरफ से संजय सिंह, शिवशंकर पाण्डेय, शिवबरन सिंह यादव, सजीव गुप्ता और अविनाश चंद उपस्थित रहे।