राज्य ब्यूरो ’ लखनऊ नई पेंशन योजना लागू हुए एक दशक से अधिक बीतने के बाद भी इसके लिए राज्य कर्मचारियों का परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर (प्रान) न बना सकी प्रदेश सरकार की इस लापरवाही का खामियाजा अब कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। वाराणसी के जिलाधिकारी द्वारा प्रान न होने पर वेतन रोकने का आदेश दिए जाने से राज्य कर्मचारियों में उबाल आ गया है।
कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी व अध्यक्ष डॉ.दिनेश चंद शर्मा ने मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय से मिलकर वाराणसी डीएम के आदेश को औचित्यहीन ठहराते हुए विरोध दर्ज कराया है। मुख्य सचिव को पत्र सौंप कर कर्मचारियों ने दो महीने तक किसी भी जिले में ऐसा कदम न उठाए जाने की मांग की है। पुरानी पेंशन योजना पर विचार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहमति से गठित उच्चस्तरीय समिति से दो महीने में रिपोर्ट आने की अपेक्षा पर मंच पदाधिकारियों ने यह मांग की है।
इसी के साथ सभी जिला इकाइयों को ऐसी स्थिति पर कड़ा विरोध दर्ज कराने और प्रांतीय पदाधिकारियों तक सूचना पहुंचाने का निर्देश दिया गया है। वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बीती 22 अक्टूबर को प्रान पर कटौती शुरू हुए बिना किसी कर्मचारी को वेतन न दिए जाने के निर्देश जारी किए थे। मंच पदाधिकारियों ने प्रान न बनने के लिए सरकारी विभागों व शासन-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और अधिकारियों द्वारा अचानक अनावश्यक तेजी दिखाते हुए दीवाली के पर्व पर कर्मचारियों के वेतन रोकने के निर्देश को गलत ठहराया है।
पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे आदेश से कर्मचारियों व शिक्षकों में नाराजगी बढ़ रही है। उन्होंने वाराणसी के डीएम को भी पत्र भेजकर उन्हें कर्मचारियों की भावनाओं से अवगत कराने के साथ दो नवंबर को उनसे मिलने का समय तय किया है