जरूरत पर मिल सकती है रकम, कर्मचारी की बीमारी, बच्चों का विवाह, उच्चतर शिक्षा, मकान जैसी आकस्मिक परिस्थितियों के लिए एनपीएस खाते में से आंशिक प्रत्याहरण की सुविधा भी दी गई है। पूरे सेवाकाल में तीन बार रकम की निकासी हो सकती है। प्रत्याहरण के लिए अनिवार्य 10 वर्ष की अवधि को घटाकर 3 वर्ष कर दिया गया है।
आयकर में छूट का भी प्रावधान आयकर अधिनियम में पुरानी पेंशन योजना के अधीन ग्राह्य जीपीएफ सहित सभी तरह की बचतों पर अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक की छूट अनुमन्य है, जबकि की एनपीएस के तहत इस छूट की अधिकतम सीमा दो लाख रुपये है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से निकासी पर एन्युटी की खरीद के लिए निवेशित न्यूनतम 40 प्रतिशत धनराशि आयकर से मुक्त होगी। शेष 60 प्रतिशत तक नकद भुगतान की धनराशि का 40 प्रतिशत भी आयकर से मुक्त होगा।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों को किसी भी मान्यता प्राप्त कंपनी से एक पॉलिसी खरीद कर अपनी पेंशन संपत्ति का 40 फीसद उसमें निवेश करना होगा, जिससे कि पेंशन की की जा सके। 60 प्रतिशत पेंशन का भुगतान कर्मचारियों को किया जाएगा। पीएफआरडीए ने पेंशन संबंधी ओं के लिए एनपीएस ट्रस्ट का गठन किया है। राज्य सरकार की ओर से नई पेंशन प्रणाली के अनुश्रवण के लिए निदेशक पेंशन को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
मुख्य कोषाधिकारी ने बताया कि एनपीएस में आने वाले कर्मचारियों को भी पुराने राजकीय कर्मचारियों के समान ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, सामूहिक बीमा एवं चिकित्सा व्यय पूर्ति जैसे लाभ अनुमन्य हो रहे हैं। ऐसे कर्मचारी जिनका ‘प्रान’ (परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर) नहीं है या कटौती शुरू नहीं हुई है और सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को भी पारिवारिक पेंशन की सुविधा मिल रही है। एनपीएस से आच्छादित कर्मचारी की सेवाकाल में मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रितों को पुरानी पेंशन योजना के अनुरूप पारिवारिक पेंशन अथवा एनपीएस के तहत भुगतान का विकल्प उपलब्ध है। पीएफआरडीए के मुताबिक पेंशन खाते में जमा धनराशि का लगभग 86 प्रतिशत का निवेश पूर्णतया सुरक्षित सरकारी प्रतिभूतियों तथा शेष 14 प्रतिशत का निवेश उच्च रिटर्न करने वाली जगहों पर हुआ है, जिस पर औसतन अब तक 9 प्रतिशत वार्षिक से अधिक रिटर्न प्राप्त हो रहा है।’>>सेवानिवृत्ति के बाद कंपनी करेगी पारिवारिक पेंशन का इंतजाम