■ पुरानी पेंशन बहाली का मामला : कर्मचारी हड़ताल के समर्थन में आये कई नए संगठन, वार्ता के सार्थक परिणाम न निकलने के बाद 25 से 27 अक्टूबर तक हड़ताल हुई पक्की
■ हड़ताल पर आज अंतिम फैसला लेंगे सचिवालय कर्मचारी, फ़ोन पर भी नहीं मानेंगे कोई निर्देश, देंगे डीएम के माध्यम से ज्ञापन
■ प्रादेशिक विकास सेवा संघ व प्रादेशिक निबंधन सेवा संघ भी करेंगे हड़ताल
लखनऊ : पुरानी पेंशन योजना बहाल कराने के लिए हड़ताल की ओर बढ़ रहे कर्मचारी संगठनों को सोमवार को प्रादेशिक विकास सेवा संघ व प्रादेशिक निबंधन सेवा संघ के तौर पर दो और बड़े संगठनों का साथ मिल गया है। इस संगठनों के समर्थन के बाद कर्मचारी, शिक्षक व अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच ने हड़ताल में सीडीओ, बीडीओ, डीडीओ, रजिस्ट्रार व निबंधन संवर्ग के अधिकारियों के भी शामिल होने का दावा किया है। उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा से लेकर मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय तक से हुई वार्ता के सार्थक परिणाम न निकलने के बाद मंच के पदाधिकारियों ने 25 से 27 अक्टूबर तक निश्चित रूप से हड़ताल करने का दावा किया है।
मंच के अध्यक्ष डॉ.दिनेश चंद शर्मा ने सोमवार को बताया कि हड़ताल के लिए प्रदेश के जिलों से लेकर तहसील स्तर तक जनजागरण शुरू कर दिया गया है। सोमवार को कर्मचारी नेताओं ने लखनऊ के मलिहाबाद व बक्शा का तालाब में जनजागरण कार्यक्रम चलाया। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी व महामंत्री संजय सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने हड़ताल में शामिल होने वाले संगठनों से केंद्रीय या जिला स्तर पर अधिकारियों को हड़ताल का नोटिस उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
फोन पर भी नहीं लेंगे कोई निर्देश : कर्मचारियों व शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि तीन दिवसीय हड़ताल में वह न तो कोई काम करें, न अधिकारियों से मिलें और न ही फोन पर अधिकारियों का कोई निर्देश प्राप्त करें। संगठनों को हड़ताल से एक दिन पहले 24 अक्टूबर को मोटरसाइकिल रैली निकालकर हर जिले में कर्मचारियों के बीच जनजागरण कार्यक्रम चलाने और तीन दिन की हड़ताल के प्रत्येक दिन शाम छह बजे समीक्षा करने के निर्देश दिए गए। विद्यालयों में भोजन वितरण में शिक्षक सहयोग नहीं करेंगे। 27 अक्टूबर को हड़ताल के तीसरे दिन उच्चाधिकार समिति की बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया जाएगा।
सभी डीएम को देंगे ज्ञापन : हड़ताल के पहले दिन 25 अक्टूबर को कर्मचारी व शिक्षक हर जिले में 50 सदस्यों की टोली बनाकर मोटरसाइकिल जुलूस निकालेंगे और सभी कार्यालयों में जाकर जनजागरण करेंगे। 26 व 27 अक्टूबर को दूसरे व तीसरे दिन कार्यालयों में सुबह दस बजे जनजागरण होगा, शाम चार बजे विकास भवन व सार्वजानिक कार्यालयों में एकत्र होकर कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर नारेबाजी करेगे।
27 अक्टूबर को हड़ताल के अंतिम दिन काला फीता बांधकर और पुरानी पेंशन बहाली की तख्तियां लेकर सामूहिक रूप से कर्मचारी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचेंगे और जिलाधिकारी के जरिये मुख्यमंत्री को पुरानी पेंशन बहाली का ज्ञापन भेजेंगे। कर्मचारियों को हड़ताल के दौरान तोड़फोड़, मारपीट और झगड़े से बचने की हिदायत दी गई है।
सर्वोच्च न्यायालय की तो सुने सरकार : कर्मचारी नेताओं ने पेंशन की अनिवार्यता को लेकर अपील की है कि सरकार यदि उनकी नहीं सुन रही तो कम से कम सर्वोच्च न्यायालय की बात तो सुने। इस बाबत देवकी नंदन प्रसाद बनाम बिहार सरकार व अन्य के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा दिए गए निर्णय के साथ उन्होंने डीएस नक्कारा व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के प्रकरण में भी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय का हवाला दिया। कहा कि पेंशन सरकार की प्रसन्नता या इच्छा द्वारा दी जाने वाली भीख नहीं बल्कि सरकारी सेवक का महत्वपूर्ण सांविधानिक अधिकार है। सरकार को इसे वापस लेने का कोई अधिकार नही है। पेंशन प्राप्त करने का अधिकार अनुच्छेद 31(1) द्वारा संरक्षित है।
हड़ताल पर आज फैसला लेंगे सचिवालय कर्मचारी
लखनऊ : पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों की हड़ताल को समर्थन देने पर सचिवालय के कर्मचारी-अधिकारी मंगलवार को निर्णय लेंगे। उप्र सचिवालय संघ ने इसे लेकर बापू भवन के द्वितीय तय स्थित सभाकक्ष में मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे बैठक आयोजित की है। आठ अक्टूबर को हुई रैली के दौरान सचिवालय कार्मिकों ने अचानक बाहर निकलकर विधानभवन के सामने सड़क जाम कर दी थी।