जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: सरकार ने आखिरकार कई साल बाद लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। अब राष्ट्रीय बचत पत्र और पीपीएफ पर अधिक ब्याज मिलेगा। हालांकि लघु बचत पर ब्याज दर बढ़ने का मतलब यह है कि अगले कुछ महीनों में अब कर्ज सस्ता नहीं होगा। वहीं सरकार के खजाने पर इसका बोझ बढ़ जाएगा।
सरकार का कहना है कि लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ाने का मकसद वरिष्ठ नागरिकों और बालिकाओं के कल्याण के लिए लघु बचत को प्रोत्साहित करना है। सरकार हर तिमाही आधार पर इनकी ब्याज दरें तय करती है। हाल के महीनों में बैंकों ने भी जमाराशि पर ब्याज दरें बढ़ायी हैं जिसके बाद सरकार ने भी इसी दिशा में कदम उठाया है। वित्त मंत्रलय के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी पीपीएफ पर आठ प्रतिशत ब्याज मिलेगा जबकि जून से सितंबर की तिमाही में यह 7.6 प्रतिशत है।