अपने भत्ताें के लिए सरकार को सुझाव भेजेंगे राज्य कर्मचारी, कैबिनेट की मंजूरी से पहले सरकार के सामने पूरी तस्वीर रखने की योजना
लखनऊ : भत्ते देने की तैयारी कर रही सरकार को अपनी समस्याओं व जरूरतों से परिचित कराने के लिए राज्य कर्मचारियों ने शासन को सुझाव देने की तैयारी की है। पहले भी भत्ताें के लिए राज्य वेतन समिति से अपनी अपेक्षाएं बता चुके कर्मचारियों ने अब कैबिनेट की मंजूरी से पहले सरकार के सामने पूरी तस्वीर रखने की योजना बनाई है।
राज्य कर्मचारी खास तौर पर सात तरह के भत्ताें के लिए शासन को सुझाव पत्र भेजने जा रहे हैं। इसमें मकान किराया भत्ता, मोटरसाइकिल भत्ता, परिवहन भत्ता, शिशु शिक्षा भत्ता, लेखन सामग्री भत्ता, जोखिम भत्ता व रोकड़ संभाल भत्ता शामिल है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि मकान मालिक केंद्र या राज्य कर्मचारियों के मुताबिक अलग-अलग किराया तय नहीं करता, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने इसके अलग-अलग मानक बना रखे हैं।
परिषद इसके लिए सरकार से नगरों के वर्गीकरण के मुताबिक वाई व जेड श्रेणी के लिए ग्रेड वेतन की बजाय मूल वेतन पर क्रमश: 20 व 10 फीसद की संस्तुति की मांग करेगा। इसी तरह फील्ड कर्मचारियों में से अधिकतर को या तो मोटरसाइकिल भत्ता मिल ही नहीं रहा या बेहद कम मिल रहा है। इनके लिए कम से कम दो हजार रुपये या मूल वेतन के आधार पर मोटरसाइकिल भत्ता दिए जाने की मांग की जाएगी।
इसके अलावा केंद्र की तरह राज्य कर्मचारियों को भी परिवहन भत्ता और बच्चों की पढ़ाई के लिए शिशु शिक्षा भत्ता भी मांगा जाएगा। लेखन सामग्री की पूर्ति व्यवस्था वाले शासकीय कार्यालयों को छोड़कर अन्य संवर्गो के लिए लेखन सामग्री भत्ता, नक्सल व दस्यु प्रभावित दुरूह क्षेत्रों के लिए जोखिम भत्ता और शासकीय धन संग्रह में लगे कर्मचारियों के लिए रोकड़ संभाल भत्ते की मांग की जाएगी।
■ इन पर भी करें विचार : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि सात भत्ताें के अलावा शासन से अवकाश प्रतिपूर्ति भत्ता, विशेष ड्यूटी भत्ता, तकनीकी भत्ता, प्रशिक्षण भत्ता, यात्र भत्ता, वर्दी भत्ता, धुलाई भत्ता, बाल शिक्षा भत्ता, परिवार नियोजन भत्ता, अस्पताल रोगी देखभाल भत्ता, इंटरनेट भत्ता, सावकाश रियायत भत्ता, पदक भत्ता, मोबाइल भत्ता, पुरस्कृत कार्मिक भत्ता, राष्ट्रीय अवकाश भत्ता, समाचार भत्ता, रात्रि ड्यूटी भत्ता, नर्सिग भत्ता, ऑपरेशन थिएटर भत्ता, राजभाषा भत्ता व निशक्त महिलाओं के लिए बाल देखभाल भत्ते के लिए भी संस्तुति की जाएगी।