• चुनाव से पहले ही असंगठित सेक्टर के लोगों के लिए पेंशन स्कीम पेश करने की योजना• सूत्रों के मुताबिक, अभी केवल स्कीम का खाका पेश करेगी सरकार, सत्ता में लौटने पर होगा क्रियान्वयन• उज्ज्वला और सौभाग्य योजना के बाद इसे ट्रंप कार्ड मान रहे हैं पार्टी के नेता
अमेरिका की तरह सोशल सिक्युरिटी पर जोर
• पीटीआई, भोपाल : चुनाव आयोग (EC) की परीक्षा में एमपी के 323 अधिकारी फेल हो गए हैं। इनमें कई एसडीएम भी हैं। आयोग ने चुनाव से जुड़े कामों की जानकारी जांचने के लिए ये परीक्षा आयोजित की थी। इसमें करीब 700 अधिकारी बैठे थे।
323 अफसर चुनाव की परीक्षा में फेल• भाषा, नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को स्वच्छता ही सेवा आंदोलन का शुभारंभ करेंगे। उन्होंने बुधवार को इसकी घोषणा की और इस आंदोलन को दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि बताया। पीएम ने ट्विटर पर अपने विडियो संदेश में सभी से इस आंदोलन का हिस्सा बनने का आग्रह किया।
पीएम करेंगे स्वच्छता ही सेवा आंदोलन शुरू• एनबीटी, नई दिल्ली : राज्य सरकरा की ओर से कोई संकेत न मिलने पर गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने 19वें दिन अपना अनशन तोड़ दिया है। हार्दिक ने कहा कि समाज के लोगों ने उनसे जिंदा रहकर लड़ाई जारी रखने की अपील की थी। वह पाटीदार समाज के लिए आरक्षण और किसानों का कर्ज माफ करने की मांग को लेकर 25 अगस्त से अनशन पर बैठे हुए थे। अनशन तोड़ने से पहले बुधवार को उन्होंने ट्वीट किया, 'किसानों और समाज की कुलदेवी श्री उमिया माताजी मंदिर ऊंझा और श्री खोड़ल माताजी मंदिर कागवड के प्रमुख लोगों ने मुझसे कहा कि तुम्हें जिंदा रहकर लड़ाई लड़नी है।'
सरकार ने नहीं सुनी, हार्दिक ने तोड़ा अनशन• विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
बीजेपी और मोदी सरकार मिशन 2019 के लिए सिर्फ आयुष्मान भारत को ही नहीं बल्कि सोशल सिक्युरिटी को एक बड़े चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। योजना बनाई जा रही है कि चुनाव से पहले ही सरकार सोशल सिक्युरिटी के रूप में असंगठित सेक्टर के लोगों के लिए पेंशन स्कीम पेश कर दे। इससे चुनाव में बताया जा सकेगा कि अगर मोदी सरकार सत्ता में लौटी तो हर व्यक्ति को रिटायरमेंट के बाद पेंशन की व्यवस्था होगी। बीजेपी नेताओं का कहना है कि इसके जरिये जनता को संदेश दिया जाएगा कि सत्ता में वापसी पर देश के लोगों को अमेरिका की तरह सामाजिक सुरक्षा मिल सकती है।
सूत्रों का कहना है कि सरकारी स्तर पर इस योजना के लिए तेजी से काम हो रहा है। राज्यों के साथ भी बातचीत की जा रही है। दरअसल, सरकार पेंशन की सभी योजनाओं को एक ही सिस्टम में लाना चाहती है। इससे हर व्यक्ति को कम से कम एक जगह से पेंशन मिलेगी। अभी केंद्र और राज्य के कर्मचारियों को पेंशन मिलती है। वहीं कुछ जगह बुजुर्ग पेंशन है तो कुछ जगह विधवा पेंशन। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि इसके लिए कितने धन की जरूरत होगी/
रिटायरमेंट की उम्र में ही मिलेगी पेंशन
सूत्रों के अनुसार इस योजना में इस तरह का प्रावधान किया जा रहा है कि रिटायरमेंट की उम्र में ही पेंशन मिले। पेंशन की राशि पर भी विचार चल रहा है। बीजेपी नेताओं को लगता है कि चुनाव से पहले सरकार इस योजना का सिर्फ खाका पेश करेगी और बताएगी कि अगर वह सत्ता में लौटती है तो इसे लागू किया जाएगा।
बीजेपी के एक नेता का कहना है कि इसे सोशल सिक्युरिटी का नाम दिया जाएगा ताकि ऐसा मेसेज जाए कि अब भारत में भी अमेरिका की तरह लोगों को सामाजिक सुरक्षा मिल सकती है। पार्टी पहले ही उज्ज्वला, सौभाग्य जैसी योजनाओं को सामाजिक बदलाव के रूप में पेश कर रही है। ऐसे में सोशल सिक्युरिटी की यह स्कीम उसके लिए चुनाव में ट्रंप कार्ड साबित हो सकती है।