78 मामलों में अगले सत्र तक होगी कार्रवाई
हुए हैं। वहां घोटाले के 18 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा 32 अफसर व कर्मचारी ग्रामीण विकास के हैं जिनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति होनी है। सहकारिता व समाज कल्याण के 12-12, स्वास्थ्य के 11, कृषि के 10 लोकसेवक कार्रवाई के दायरे में हैं।
सीबीसीआईडी में 85 अफसर-कर्मचारी फंसेंगे
सीबीसीआईडी के 21 मामलों में 85 सरकारी अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई लंबित है। इसमें सबसे ज्यादा 14 मामले गृह विभाग यानी पुलिस से जुड़े हैं। सबसे अहम मामला रीता बहुगुणा जोशी के घर हुए आगजनी और उसमें निर्दोषों को जेल भेजने
से जुड़ा है।
इसमें तत्कालीन एसएसपी लखनऊ और वर्तमान में एडीजी जोन बरेली के पद पर तैनात आईपीएस प्रेम प्रकाश व एसपी उन्नाव हरीश कुमार मुख्य आरोपितों में से एक हैं। इनके खिलाफ करीब तीन साल से अभियोजन स्वीकृति गृह विभाग में अटकी हुई है। जल्द इस मामले आरोपित अफसरों का पक्ष सुना जाएगा। उसके बाद अभियोजन स्वीकृति को लेकर अंतिम निर्णय होगा।
राय मांगी गई है।
ईओडब्ल्यू में 50 मामलों में फंसेंगे 344 लोक सेवक : ईओडब्ल्यू में 18 विभागों के 50 मामलों में 344 सरकारी अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति लटकी हुई है। इसमें से 203 लोकसेवक सिर्फ बलिया के अनाज घोटाले से जुड़े
लोकायुक्त के यहां चल रही विभिन्न विभागों से जुड़े 78 विशेष प्रतिवेदन के मामलों को अगले विधानसभा सत्र से पहले निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार को हुई बैठक में लोकायुक्त के यहां से जुड़े मामलों पर विशेष चर्चा हुई। ये सभी वे मामले हैं जिनमें लोकायुक्त कार्यालय से संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजे गए थे। लेकिन विभागों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद ये विशेष प्रतिवेदन के रूप में विधान सभा पटल पर रखे गए। इसमें 10 मामले राजस्व के, 10 ग्राम विकास विभाग के, 14 गोपन के, 12 बेसिक शिक्षा के और चार मामले गृह विभाग से जुड़े हैं। संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि अगले विधानसभा सत्र तक सभी मामलों में कार्रवाई करें। कार्रवाई रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखा जाएगा।
• एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : भ्रष्टाचार के मामलों में अलग-अलग जांच एजेंसियां जल्द 563 सरकारी अफसरों-कर्मचारियों पर अपना शिकंजा कसेंगी। 15 दिन के अंदर एजेंसियों को इनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिल जाएगी। इसमें 203 अफसर व कर्मचारी बलिया के अनाज घोटाले से जुड़े हुए हैं। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक में इन सभी मामलों की समीक्षा हुई है।
विजिलेंस के 61 मामलों में फंसे हैं 134 सरकारी अफसर : विजिलेंस में भ्रष्टाचार से जुड़े अलग-अलग विभाग के 61 मामलों में 26 विभागों के 134 अफसर फंसे हुए हैं। इसमें 10 से ज्यादा अफसर चिकित्सा, सिंचाई, माध्यमिक शिक्षा, राजस्व व वन विभाग के हैं। सिंचाई विभाग से जुड़े कुछ मामलों को दोबारा सतर्कता समिति के सामने पेश किया जाना तय हुआ है। विजिलेंस के 46 मामलों में संबंधित विभागों से