राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पदोन्नति में आरक्षण को लेकर समर्थक और विरोधी दोनों ही लामबंद हो रहे हैं। समर्थकों ने जहां 26 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन का एलान किया है और उसके बाद चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे, वहीं विरोधियों ने भी आंदोलन की तैयारी कर रखी है। इसकी विस्तृत रूपरेखा अगस्त के पहले हफ्ते में घोषित की जाएगी।
पदोन्नति में आरक्षण के समर्थन में जहां रविवार को आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने बैठक की, वहीं विरोध में सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने भी आपात बैठक बुलाई। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के प्रांतीय संयोजक मंडल की बैठक में 26 जुलाई को अपने अधिकार के लिए धरना प्रदर्शन का निर्णय किया गया। लखनऊ मुख्यालय पर सुबह 11 बजे से मा. काशीराम ईको गार्डेन में धरना दिया जाएगा। इसके साथ ही आंदोलन के दूसरे चरण में दलित सांसदों के क्षेत्र में आरक्षण बचाओ चौपाल लगाने और तृतीय चरण में जिला मुख्यालयों पर आरक्षण बचाओ सम्मेलन करने का भी फैसला लिया गया। इसी क्रम में अक्टूबर में एक विशाल आरक्षण बचाओ महारैली आयोजित की जाएगी। बैठक में समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा, केबी राम, डॉ. रामशब्द जैसवारा, आरपी केन, अजय कुमार, श्याम लाल, अंजनी कुमार, पीएम प्रभाकर, एसपी सिंह आदि शामिल रहे। दूसरी ओर सर्वजन हिताय संरक्षण समिति की बैठक में चेतावनी दी गई कि यदि केंद्र सरकार के आदेश को आधार बनाकर उत्तर प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण देने की कोशिश हुई तो प्रदेश के सभी सरकारी विभागों के कर्मचारी और शिक्षक सीधी कार्यवाही करने को बाध्य होंगे। बैठक में केंद्र सरकार के आदेश पर रोष जताया गया और इसे निरस्त करने की मांग की गई। यह कहा गया कि उप्र सरकार पदोन्नति में आरक्षण देने हेतु कोई नया आदेश जारी न करे। पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की गलत व्याख्या की