लखनऊ : राज्य सरकार ने आंदोलन पर आमादा लेखपालों की हड़ताल खत्म कराने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। अब तक प्रदेश भर में 8000 से ज्यादा लेखपालों पर कार्रवाई का डंडा चल चुका है। इन लेखपालों को निलंबित किया जा चुका है या सेवा समाप्ति की नोटिस दी गई है। सबसे ज्यादा कार्रवाई मथुरा में की गई है जहां 12 लेखपालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के अलावा 68 लेखपालों को सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है। जिले में दो लेखपालों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि दो निलंबित किये गए हैं।
■ 633 हुए निलंबित, 7381 परिवीक्षाधीन लेखपालों को सेवा समाप्ति का नोटिस
■ सख्ती के बावजूद 10 फीसद लेखपाल ही काम पर वापस लौटे
सरकार की सख्त कार्रवाई के बावजूद अभी बमुश्किल 10 प्रतिशत लेखपाल ही आंशिक रूप से हड़ताल से वापस आये हैं या फिर कार्यभार ग्रहण किया है। राजस्व विभाग ने सभी जिलों से जो आंकड़ा जुटाया है, उसके मुताबिक हड़ताल पर गए 25577 लेखपालों में से 2523 ही काम पर वापस लौटे हैं। इनमें से 1860 आंशिक रूप से काम पर वापस आये हैं जबकि कार्यभार ग्रहण करने वाले लेखपालों की संख्या 663 है। बाकी लेखपाल हड़ताल पर डटे हुए हैं।
हड़ताल पर जाने के कारण अब तक 633 लेखपालों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनमें उप्र लेखपाल संघ के प्रदेश से लेकर तहसील स्तरीय पदाधिकारी भी शामिल हैं। वहीं 7381 परिवीक्षाधीन लेखपालों को सेवा समाप्त करने का नोटिस दिया गया है।