कमजोर तबके के प्रति रुख से तय होगा वरिष्ठ आइएएस अफसरों का अप्रेजल, नौकरशाहों को देना होगा काम का हिसाब किताब।
समाज के कमजोर तबकों के प्रति रवैये को देखते हुए अब सचिव और अतिरिक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ आइएएस अफसरों का मूल्यांकन होगा। कार्मिक मंत्रलय अन्य खूबियों के साथ ही अब इस गुण पर भी गौर करेगा। और फिर इसी आधार पर अप्रेजल फार्म के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा।
कार्मिक मंत्रलय ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र में लिखा है कि वह आइएएस अफसरों के सालाना मूल्यांकन (अप्रेजल) फार्म के लिए अपने सुझाव भेजें। अपनी टिप्पणी या विचार प्रस्ताव के लिए 28 जून तक भेज सकते हैं। अगर तय अवधि में कोई जवाब नहीं मिला तो यह समझा जाएगा कि राज्य सरकार को प्रस्तावित संशोधनों से कोई आपत्ति नहीं है। अब से देश भर में कार्यरत 5004 आइएएस अफसरों का मूल्यांकन नए आधार पर होगा।
इन वरिष्ठ आइएएस अफसरों की मूल्यांकन (अप्रेजल) रिपोर्ट में उचित समय में प्रभावी निर्णय लेने, खासकर जटिल और उलङो हुए हालात में बेहतरीन प्रदर्शन करने की खूबियों को भी परखा जाएगा। इसके अलावा, उनके टीम का नेतृत्व करने की क्षमता, नए विचार, कार्यनिष्पादन का अच्छा ट्रैक रिकार्ड, टीम से संयोजन आदि को आंकने के आधार पर उन्हें परखने का मसौदे में उल्लेख है। अप्रेजल के दो फार्म में बदलाव का प्रस्ताव है। पहला फार्म सचिव व अतिरिक्त सचिव स्तर के अफसरों को छोड़कर सभी आइएएस अफसरों के लिए है। जबकि फार्म-2 सचिवों, अतिरिक्त सचिवों या उनके समकक्ष अफसरों के लिए होगा।
■ अन्य अफसरों को भी देना होगा ब्योरा
वरिष्ठ पदों पर तैनात आइएएस अफसरों को छोड़कर अन्य सभी आइएएस अफसरों को अपना अपडेट सीवी भेजना होगा। इसमें उन्हें अपनी अतिरिक्त शैक्षणिक योग्यता या प्रशिक्षण कार्यक्रमों का भी ब्योरा देना होगा। खास असाइनमेंट का उल्लेख भी एक तय फार्मेट में करना होगा।ईमानदारी और सत्यनिष्ठा आधार1सभी अफसरों का मूल्यांकन मुख्यत: उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के आधार पर होगा। जबकि सचिवों और अतिरिक्त सचिवों को वित्तीय और नैतिक ईमानदारी के लिए आंका जाएगा।
■ कार्मिक मंत्रलय ने सभी मुख्य सचिवों से 28 तक सुझाव मांगा
■ तय अवधि में जवाब नहीं मिला तो समझा जाएगा राज्य को आपत्ति नहीं